उपली का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सवाल-जवाब सेशन में स्वर्णजीत सिंह , मनधीर सिंह, दविंदर सिंह, चमकौर सिंह, सुखदेव सिंह, सुभाष चंद, रमेश चंद, रंगी सिंह, गुरप्रीत सिंह, निर्मल सिंह उपली, गुरप्यार सिंह, अमरीक सिंह खोखर, चरणजीत पटवारी, हरिंदर लाली, हरदेव राठी, लेक्चरर गुलजार, त्रलोचन भवानीगढ़, जगदीश गर्ग ने भाग लिया।
- पर आज तो अनामत के लाभ वंश परंपरागत रूपसे ले ले कर निम्न कही जाने वाली जातियों के अपने आप बन बैठे उद्धारक होने का दिखावा करने वाले नेता लोग उन बिछडी जातियों के ८५% लोगोको वही निम्न हालकी परवा किये बिना , उन जातियोंमें उपली जाति वाला व्यवहार उन ८५% लोगोके साथ करते है ।
- जैन मुनियों की ओर से जगाई गई इस अलख के बाद जिले के पई , उंदरी , दमाना , जगन्नाथपुरा , डीमडी , चररपुर , बिजली , झाडोल , मोडीफला , गामणा बेडा , उपली सरदरी , पालावाडा , झालराफला , बेडवपाडा , उबरी , खादरा , उभरियाजी , बागपुरा जैसे कई गांवों में विभिन्न दिवसों पर बलि चढाने वाले भोपाओं ने कभी भी बलि नही चढाने का संकल्प लिया।
- जैन मुनियों की ओर से जगाई गई इस अलख के बाद जिले के पई , उंदरी , दमाना , जगन्नाथपुरा , डीमडी , चररपुर , बिजली , झाडोल , मोडीफला , गामणा बेडा , उपली सरदरी , पालावाडा , झालराफला , बेडवपाडा , उबरी , खादरा , उभरियाजी , बागपुरा जैसे कई गांवों में विभिन्न दिवसों पर बलि चढाने वाले भोपाओं ने कभी भी बलि नही चढाने का संकल्प लिया।
- हनुमानगंज , इलाहाबाद: बहादुरपुर ब्लाक के लगभग तीन दर्जन विद्यालयों में रसोई गैस सिलेंडर न होने से मध्याह्न भोजन उपली व लकड़ी के सहारे ही तैयार किया जा रहा है। इससे तमाम समस्याएं पैदा हो रही हैं। जुनेदपुर, मंडौर, फुलहा, जगतपुर, पहाड़पुर, भोपालपुर, देवकली, करनपुर, नई झूंसी, पालीकरनपुर व छतनाग सहित 17 प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन उपली व लकड़ी के सहारे तैयार किया जा रहा है। जबकि ब्लाक के 19 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में भी हालात इसी तरह के है। इससे जहां मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता प्
- हनुमानगंज , इलाहाबाद: बहादुरपुर ब्लाक के लगभग तीन दर्जन विद्यालयों में रसोई गैस सिलेंडर न होने से मध्याह्न भोजन उपली व लकड़ी के सहारे ही तैयार किया जा रहा है। इससे तमाम समस्याएं पैदा हो रही हैं। जुनेदपुर, मंडौर, फुलहा, जगतपुर, पहाड़पुर, भोपालपुर, देवकली, करनपुर, नई झूंसी, पालीकरनपुर व छतनाग सहित 17 प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न भोजन उपली व लकड़ी के सहारे तैयार किया जा रहा है। जबकि ब्लाक के 19 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में भी हालात इसी तरह के है। इससे जहां मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता प्
- संक्षेप मे , अभियोजन कथन इस प्रकार हैः-परिवादी षेर सिह पुत्र गोपाल सिह निवासी ग्राम मुखमालगॉव, पटटी उपली रमोली, तहसील प्रतापनगर, जिला टिहरी गढवाल ने दिनॉक 11.11.08 को षाम 5.00 बजे राजस्व पुलिस थाना गरवाणगॉव, तहसील प्रतापनगर, जिला टिहरी गढवाल मे तहरीर प्रदर्ष क-1 के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्ष क-2 दर्ज कराई, जिसके अनुसार परिवादी षेर सिह पुत्र गोपाल सिह एवं जेठा लाल पुत्र स्व0 प्रेमदास के पुत्र अपनी पढाई के लिये हमेषा की तरह दिनॉक 11.11.08 को समय सुबह 9.30 बजे राजकीय इण्टर कालेज गरवाणगॉव जा रहे थे।
- भुने चने का सत्तू , अजवायन ,मंगरैल ,भुनी हींग ,कालानमक ,अदरक ,हरा मिर्च ,प्याज़ ,हरी धनिया और नीबू का रस -सब सत्तू में मिक्स कर जब गुथे आटे के बीचों-बीच डाल कर फिर उसे बंद कर ,उपली की धीमी आंच पर पकाते हैं तो फिर उस बाटी के स्वाद का क्या कहना .हम सब तो सप्ताह में एक दिन जरूर इस सह-भोज का आनंद लेतें हैं .आज ही गावं वालों के साथ मंदिर पर शाम को बाटी का कार्यक्रम है .बाटी का असली आनंद तभी है जब देशी घी की तड़का वाली अरहर की दाल हो तथा जानदार चोखा .