उलफ़त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वह उलफ़त ( प्रेम ) व यकजाई ( एकत्र होने ) के बाद अलग अलग और अपने मरकज़ ( केन्द्र ) से मुंतशिर हो गए होंगे।
- आप कर दें जो मुझ पर निगाह-ए-करम , मेरी उलफ़त का रह जायेगा कुछ भरम यूं फसाना तो मेरा रहेगा वही , सिर्फ उन्मान उनका बदल जायेगा ।
- ये मुहब्बत है ओ भोलेभाले कर न दिल को ग़मों के हवाले काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है आके होंठों से टूटेंगे प्याले हाँ , ,बड़े धोखे हैं ...
- ये मुहब्बत है ओ भोलेभाले कर न दिल को ग़मों के हवाले काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है आके होंठों पे टूटेंगे प्याले हाँ बड़े धोखे हैं . ..
- जब मेरे सफ़र पर दो तरफ़ा सुनहिरे गेहूं के खलिआण लहिर आएंगे और सरसों के फूल झूम झूम कर पंजाब के रसीले उलफ़त भरे गीत गाएंगे और किसान हिंदू और मुसलमान दोनों मिल कर के खेत काटेंगे।
- हुस्ने ख़ुल्क़ इंसानी किरदार का वह नुक़्त इरतेकाज़ है जिस को अपना लेने से मुख़ासेमत और अदावत का अंधा पन दूर हो जाता है और मुहब्बत व उलफ़त की रौशनी से दिल व दिमाग़ रौशन हो जाता है।
- यहीं पर वफ़ा का नया रंग भर के बनाई थी चाहत की तसवीर तुमने यहीं की बहारों से फूलों को चुन कर संवारी थी उलफ़त की तक़दीर तुमने वो दिल आपको याद कैसे दिलाये यहीं पर कभी आप हमसे मिले थे
- अल्लाह ने लोगो को अपने माल मे जांनशीन इसलिये बनाया ताकि इस मे अल्लाह के हुक्म के मुताबिक ज़रूरतमंदो की मदद की जाये | ताकि लोगो के दरम्यान मोहब्बत और उलफ़त कायम हो न के खलफ़शार हो | अल्लाह फ़रमाता हैं-
- कुछ याद आया दोस्तों कि किस तरह का था यह धुन ? इस धुन पर आधारित जो आज का प्रस्तुत गीत है , वह है “ लहरों पे लहर , उलफ़त है जवाँ , रातों के सहर , चली आओ यहाँ ” ।
- कुछ याद आया दोस्तों कि किस तरह का था यह धुन ? इस धुन पर आधारित जो आज का प्रस्तुत गीत है , वह है “ लहरों पे लहर , उलफ़त है जवाँ , रातों के सहर , चली आओ यहाँ ” ।