ऋषि ऋण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लोकेश द . जागीरदार भारतीय वैदिक परंपरा के अनुसार प्रत्येक मनुष्य तीन ऋण से ग्रस्त होता है- देव ऋण , ऋषि ऋण और पितृ ऋण।
- हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक इंसान के जीवन में तीन ऋण ऋषि ऋण , देव ऋण व पित ऋण का उतारना अहम माना गया है।
- हिन्दू धर्म शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋणों का मोचन करना अपरिहार्य माना गया है - देव ऋण , ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण।
- हिन्दू धर्म शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋणों का मोचन करना अपरिहार्य माना गया है - देव ऋण , ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण।
- आचार्य श्री के शब्दों में मानव जीवन के तीन ऋण बताए गए हैं जिसमें देव ऋण , ऋषि ऋण व पितृ ऋण शामिल हैं।
- आचार्य श्री के शब्दों में मानव जीवन के तीन ऋण बताए गए हैं जिसमें देव ऋण , ऋषि ऋण व पितृ ऋण शामिल हैं।
- शास्त्रों में तीन प्रकार के ऋणों अर्थात ‘ पितृ ऋण ” , “ ऋषि ऋण ” और “ गुरु ऋण ” का उल्लेख है .
- देवार्चन से देव ऋण , अध्ययन से ऋषि ऋण एवं पुत्र की उत्पत्ति के बाद एवम श्राद्ध कर्म से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
- हिन्दू धर्म शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋणों का मोचन करना अपरिहार्य माना गया है - देव ऋण , ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण।
- हिन्दू धर्म शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋणों का मोचन करना अपरिहार्य माना गया है - देव ऋण , ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण।