ओकारांत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अत : स्थानीय भाषाप्रयोगों में जो अधिकांश “ न ” के स्थान पर “ ण ” तथा अकारांत शब्दों की ओकारांत प्रवृत्ति लक्षित होती है , वह राजस्थानी प्रभाव का द्योतक है।
- हिंदी की भांति गढवाली में भी वचन दो प्रकार के होते हैं- एकवचन व बहुवचन १- विभक्ति रहित उकारांत , इकारांत ओकारांत पुल्लिंग शब्दों के अन्त्य उ, इ 'ओ' को 'आ' कर देने से बहुवचन
- 4 . अन्य विद्वान् उत्तरी भारत की ओकारांत प्रधान ब्रज आदि बोलियों को पड़ी बोली और इसके विपरीत इसे खड़ी बोली के नाम से अभिहित करते हैं, जबकि कुछ लोग रेखता शैली को पड़ी और इसे खड़ी मानते हैं।
- 4 . अन्य विद्वान् उत्तरी भारत की ओकारांत प्रधान ब्रज आदि बोलियों को पड़ी बोली और इसके विपरीत इसे खड़ी बोली के नाम से अभिहित करते हैं, जबकि कुछ लोग रेखता शैली को पड़ी और इसे खड़ी मानते हैं।
- जैसे , कुत्ता ( हिन्दी ) - कुत्तो ( राजस्थानी ) , पोमचा ( हिन्दी ) - पोमचो ( राजस्थानी ) , • राजस्थानी भाषा में एक वचन के जो शब्द ओकारांत होते हैं वे बहुवचन में आकारांत हो जाते हैं।
- ओकारांत एक वचन संज्ञाए वहुवचन में आकारांत हो जाती हैं ब१- कुछ इकारांत संज्ञाओं में एकवचन व वहुवचन इकारांत ही रहती हैं ब२- -अन्य इकारांत संज्ञाओं में एकवचन -इ वहुवचन में - इन में बदला जाती है दोनों का प्रयोग विकल्पात्मक रूप से होता है .
- ओकारांत तथा कुछ औकारान्त एकवचन संज्ञाएँ बहुवचन में पुन्ह विकारी हो जाते हैं १- आकारांत में - आ के स्थान पर -आन २-इ , -ए, -ऐ तथा -ऐं अन्त्ययुक्त बहुबचन परिवर्तित हो -ईन हो जाता है ३- व्यंजनान्त के पश्चात विकारी कारक में -ऊन जुड़ जाता है प्रत
- इसके दो रूप मिलते हैं -ओ और -आ क-ओ= ओ प्रत्यय एक वचन पुल्लिंग या सम्बन्ध वाचक सर्वनाम के ओकारांत रूपों में मिलता है . यथा आपुन् +ओ = आपुनो (अपना ) वीक् + ओ=वीको (उसका) तेर् + ओ = तेरो (तेरा ) ख - ओकारांत का -आ: ओकारांत सर्वनाम सभी बहुवचन रूप में ही मिलते हैं.
- इसके दो रूप मिलते हैं -ओ और -आ क-ओ= ओ प्रत्यय एक वचन पुल्लिंग या सम्बन्ध वाचक सर्वनाम के ओकारांत रूपों में मिलता है . यथा आपुन् +ओ = आपुनो (अपना ) वीक् + ओ=वीको (उसका) तेर् + ओ = तेरो (तेरा ) ख - ओकारांत का -आ: ओकारांत सर्वनाम सभी बहुवचन रूप में ही मिलते हैं.
- इसके दो रूप मिलते हैं -ओ और -आ क-ओ= ओ प्रत्यय एक वचन पुल्लिंग या सम्बन्ध वाचक सर्वनाम के ओकारांत रूपों में मिलता है . यथा आपुन् +ओ = आपुनो (अपना ) वीक् + ओ=वीको (उसका) तेर् + ओ = तेरो (तेरा ) ख - ओकारांत का -आ: ओकारांत सर्वनाम सभी बहुवचन रूप में ही मिलते हैं.