कपीश का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रामचन्द्र जी ने प्रसन्न हो कर सुग्रीव को गले लगाया और फिर उसकी प्रशंसा करते हुये कहा , ” हे कपीश ! जो राजा समय पर अपने सम्पूर्ण शुभ कार्यों को करता है , वह वास्तव में शासन करने के योग्य होता है और जो भोग विलास में लिप्त हो कर इन्द्रयों के वशीभूत हो जाता है , वह अन्त में विनाश को प्राप्त होता है।
- पवनपुत्र , पवनसुत , पवनकुमार , बजरंग बली , मारूति , महावीर , महाबीर , अंजनीनंदन , कपीस , बजरंग , केसरीनंदन , अनिलकुमार , हरीश , वातात्मज , अंजनासुत , अनिलात्मज , आंजनेय , आनिल , कपीन्द्र , कपींद्र , कपीश , पवन तनय , मारुति , हनुमंत , वातजात , हनू ; पवन के पुत्र जो बहुत ही बलशाली और अमर माने जाते हैं 5 .
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