कमलगट्टा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दीपावली से पूर्व धन त्रयोदशी के दिन लाल वस्त्र पर धातु से बने कुबेर एवं लक्ष्मी यंत्र को प्रतिष्ठित करके उनकी लाल पुष्प , अष्टगंध , अनार , कमलगट्टा , कमल के फूल , सिंदूर आदि से पूजा करें।
- इनकी पूजन विधि इस प्रकार है- बहीखाता पूजन- बही , बसना तथा थैली में रोली या केसरयुक्त चंदन से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं एवं थैली में पांच हल्दी की गांठें, धनिया, कमलगट्टा, अक्षत, दूर्वा और द्रव्य रखकर उसमें सरस्वती का पूजन करें।
- चंदेल शासकों ने जलीय कृषि करने वाली स्थानीय जातियों को इस बात की छूट दी कि वे तालाबों में मछली पालन करें , सिंघाड़ा , मुरार और कमलगट्टा की खेती करें , इस शर्त पर की तालाबों का रख-रखाव भी करते रहें।
- कलश को जल से भरकर रोली , मौली , अक्षत , पान सुपारी , लौंग , इलायची , चंदन , दूध , दही , घी , शहद कमलगट्टा , धतूरा , बिल्व पत्र , कनेर आदि अर्पित करें और शिव की आरती पढ़ें।
- तत्पश्चात माँ भगवती से एक श्री लिखा हुआ कमलगट्टा मांग लें उस कमलगट्टे के साथ लौंग , इलायची , साबुत सुपारी , कपूर लाल रेश्मी वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें और बाकी सारी सामग्री को बहते पानी में बहा दें।
- कमल के फूल , बिल्व पत्र, शहद, कमलगट्टा, काले तिल की आहुति, लक्ष्मी प्राप्ति, चावल, नारियल की आहुति संपत्ति प्राप्ति, शक्कर या मीठी वस्तुओं की आहुति यश प्राप्ति, खीर की आहुति सुख-सौभाग्य प्राप्ति, लवण की आहुति शत्रु जनित उपद्रव में शांति, पलाश पुष्प की आहुति आकर्षण में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है, ऐसा प्राचीन ग्रंथ कहते हैं।
- 10 - 10 ग्राम लौंग , इलायची , खस , चंदन , तज , सोंठ , पीपल की जड़ , जायफल , तगर , कंकोल , स्याह जीरा , शुद्ध गुग्गुल , पीपल , वंशलोचन , जटामांसी , कमलगट्टा , नागकेशर , नेत्रवाला सभी को लेकर चूर्ण बना लें और इसमें कपूर 6 ग्राम मिलाकर रख लें।
- 10 - 10 ग्राम लौंग , इलायची , खस , चंदन , तज , सोंठ , पीपल की जड़ , जायफल , तगर , कंकोल , स्याह जीरा , शुद्ध गुग्गुल , पीपल , वंशलोचन , जटामांसी , कमलगट्टा , नागकेशर , नेत्रवाला सभी को लेकर चूर्ण बना लें और इसमें कपूर 6 ग्राम मिलाकर रख लें।
- पूजा सामग्री : - पूर्ण रूप से मंत्र चैतन्य युक्त एवं अभिमंत्रित पारद गणेश लक्ष्मी प्रतिमा , माँ महालक्ष्मी को अति प्रिय श्री यन्त्र , लक्ष्मी चरण पादुका , लक्ष्मी दायक कोडिया , गोमती चक्र , श्री सूक्त पूजन पुस्तिका , अभिमंत्र- त सरसों , हल्दी की गाठ , हकिक पत्थर , अष्ट गंध , कमलगट्टा , नागकेसर एवं सम्पूर्ण दीपावली पूजन विधि ।
- पूजा सामग्री : - पूर्ण रूप से मंत्र चैतन्य युक्त एवं अभिमंत्रित पारद गणेश लक्ष्मी प्रतिमा , माँ महालक्ष्मी को अति प्रिय श्री यन्त्र , लक्ष्मी चरण पादुका , लक्ष्मी दायक कोडिया , गोमती चक्र , श्री सूक्त पूजन पुस्तिका , अभिमंत्र- त सरसों , हल्दी की गाठ , हकिक पत्थर , अष्ट गंध , कमलगट्टा , नागकेसर एवं सम्पूर्ण दीपावली पूजन विधि ।