कर्मण्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यदि आपमें से किसी को भी इस ग्रन्थ को देखने और पढ़ने का मन हो तो आप डॉ . राजेन्द्र नाथ मेहरोत्रा, कर्मण्य तपोभूमि सेवा न्यास प्रकाशन, ग्वालियर से सम्पर्क कर सकते हैं।
- “ जनता को अपने अधिकार एवं कर्तव्यों का ज्ञान होना आवश्यक है , इनकी कर्तव्यों के प्रति सजगता ही सरकार को कर्मण्य बनती है . ” ………………………………… पढ़कर कर्तव्यों के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है .
- वस्तुतः मुगल सत्ता का गर्वीला और भयावह दैत्य धराशायी हो चुका था जिसके अवशेषों पर महाराजा सूरजमल के नेतृत्व में विलास और आडंबर से दूर , कर्मण्य, शौर्यपरायण, निर्बल की सहायक, शरणागत की रक्षक, प्रजावत्सल, हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक, राष्ट्रवादी जाट-सत्ता की स्थापना हुई ।
- वस्तुतः मुगल सत्ता का गर्वीला और भयावह दैत्य धराशायी हो चुका था जिसके अवशेषों पर महाराजा सूरजमल के नेतृत्व में विलास और आडंबर से दूर , कर्मण्य, शौर्यपरायण, निर्बल की सहायक, शरणागत की रक्षक, प्रजावत्सल, हिन्दू-मुस्लिम एकता की प्रतीक, राष्ट्रवादी जाट-सत्ता की स्थापना हुई ।
- ऐसे में हमें क्या करना चाहियेए इस बिंदु पर आपकी राय बिलकुल सही है अभी ये बानगी है हमें स्वयं कर्मण्य हो कर इस मुहिम को आगे बढ़ाना होगा चाहे अन्ना के साथ चाहे बाबा रामदेव के साथ या फिर किसी और तरीके से .
- ऐसे में हमें क्या करना चाहियेए इस बिंदु पर आपकी राय बिलकुल सही है अभी ये बानगी है हमें स्वयं कर्मण्य हो कर इस मुहिम को आगे बढ़ाना होगा चाहे अन्ना के साथ चाहे बाबा रामदेव के साथ या फिर किसी और तरीके से .
- मार्ग समझे बिना आगे बढना अनुचित हटा और ठहर जाना कर्मण्य के लिए संभव नहीं होता है , इसलिए रुके बिना चलते रहना व चलते हुए भी ठहरे रहने का एक मात्र उपाय था कदमताल और यही उहापोह भरी कदमताल उसका आज का जीवन क्रम है .
- आज सत्यम के निवेशक हाँफते बिलखते गालियां देते और पश्चाताप करते दिखाई पड़ रहे हैं , हालांकि इस से उनके ज्ञान में अभिवृद्धि ही हुई होगी किंतु मेडाफ और राजू की सफलताओं के मायने सर्वकालिक सहमतीपूर्ण क्यों नहीं होते ? लालच भय दंभ और झूठ पर इतने साहसी और कर्मण्य लोग विजय श्री क्यों नहीं पा सकते ?
- प्रिय आकाश जी , स्वाभिमान को किताबों में हमारे पुरखों ने सजाया था और हमें अगर अपने खून पर गर्व है तो हम इसे फिर से समाज में जीवंत कर देंगे| ग्रहण लगने से सूरज और चाँद मंद जरूर होते हैं लेकिन समाप्त नहीं| युवाओं के खून की तपिश बर्दाश्त करने की क्षमता इन चरित्रहीन नेताओं में नहीं है| बस एक बार कर्मण्य होने की जरूरत है देखिएगा ये दोगले कैसे पीले पत्तों की तरह उड़ते नज़र आयेंगे|
- ग्वालियर में हिंदी और देवनागरी की सेवा करने वाली संस्था कर्मण्य तपोभूमि सेवा न्यास के संचालक आरएन मेहरोत्रा ने इस महत्वपूर्ण काम को विश्व स्तर पर लाने के लिए फिलहाल आईआईआईटीएम ग्वालियर में सेवारत जगदीप को विश्व हिंदी सम्मेलन में ले जाने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन ऐन वक्त पर जगदीप के विभाग ने ही कागजी कार्रवाई में समय नष्ट कर दिया और एनओसी न मिल पाने के कारण वे वीजा न मिल पाने से न्यूयॉर्क नहीं जा सके।