कलंकित करना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिस देश के निवासी हमारी बोटी-बोटी के लिए लालायित हैं , जो हमारे रक्त तर्पण से अपनी प्यास बुझाते हैं , उनकी धरती पर अपनी संतान को ज्ञान प्राप्ति के लिए भेजना अपनी ही आत्मा को कलंकित करना है।
- जब अपराधों और भ्रष्टाचार के आरोपों ने आंदोलन को कलंकित करना शुरु किया , तो जो लोग अपने राजनैतिक भविष्य के बारे में चिंतित थे, उनके पास क्लान की ओर से कार्य करने के कारण और भी कम हो गए.:
- बौद्ध रामयण ' दशरथ जातक कथा के रूप में आती है, इसमें दशरथ की पुत्री भी है, 'शान्ता', जिससे दशरथ के ही पुत्र राम, अनेक घटनाओं के बाद, विवाह करते हैं - बौद्ध रामायण का उद्देश्य तो स्पष्ट ही झूठी घटना के द्वारा राम को कलंकित करना है,क्य
- बौद्ध रामयण ' दशरथ जातक कथा के रूप में आती है, इसमें दशरथ की पुत्री भी है, 'शान्ता', जिससे दशरथ के ही पुत्र राम, अनेक घटनाओं के बाद, विवाह करते हैं - बौद्ध रामायण का उद्देश्य तो स्पष्ट ही झूठी घटना के द्वारा राम को कलंकित करना है,क्योंकि पुराणों
- निरादर कलंकित करना कलंकित करना लज्जित करना लज्जा अपमान करना लानत लज्जा का कारण नकार दिया जाना हया लज्जित करना शर्मिंदित होना शर्म लज्जित होना सर्मिंदगी अपमानित करना शर्मसार लज्जित होना शर्मिंदा होना शर्मिंदगी महसूस होना शर्मिंदगी दिखाना नकार दिया जाना सर्मिंदित होना मुकर जाना शर्मिंदगी दिखाना कम दिखाना
- निरादर कलंकित करना कलंकित करना लज्जित करना लज्जा अपमान करना लानत लज्जा का कारण नकार दिया जाना हया लज्जित करना शर्मिंदित होना शर्म लज्जित होना सर्मिंदगी अपमानित करना शर्मसार लज्जित होना शर्मिंदा होना शर्मिंदगी महसूस होना शर्मिंदगी दिखाना नकार दिया जाना सर्मिंदित होना मुकर जाना शर्मिंदगी दिखाना कम दिखाना
- कभी नहीं लेकिन अपने ही साथियो पर हमला करना हो , उसको कलंकित करना हो तो देखिये गुंजन जी कैसे आगे हो गये ? जिनका एन . एस . डी की नंगी धांधली और नाईसाफ़ी के कारण नहीं हुआ वैसे लोगों को पागल और अयोग्य करार दे रहे हैं ?
- इसके अलावा अपने कुकर्मों पर पर्दा डालने के लिए दलितों की ओट लेना उन्हें कलंकित करना है | क्या दलित लोग कहते हैं कि भ्रष्टाचार करो ? भारत के दलितों के जीवन में जितनी सच्चाई है , कितने अन्य लोगों में है ? उनके पास छिपाने के लिए क्या है ?
- इसी प्रकार पांचवें अंक में दुश्यन्त शकुन्तला का परित्याग करते हुए कहते हैं कि ‘हे तपस्विनी , क्या तुम वैसे ही अपने कुल को कलंकित करना और मुझे पतित करना चाहती हो, जैसे तट को तोड़कर बहने वाली नदी तट के वृक्ष को तो गिराती ही है और अपने जल को भी मलिन कर लेती है।
- इसी प्रकार पांचवें अंक में दुश्यन्त शकुन्तला का परित्याग करते हुए कहते हैं कि ‘हे तपस्विनी , क्या तुम वैसे ही अपने कुल को कलंकित करना और मुझे पतित करना चाहती हो, जैसे तट को तोड़कर बहने वाली नदी तट के वृक्ष को तो गिराती ही है और अपने जल को भी मलिन कर लेती है।