कलाहीन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- व्यक्तिगत अभिव्यक्ति अगर सार्वजनीन न हो और मात्र आत्ममुग्धता के घेरे में सिमट कर रह जाये तो जन को उससे क्या लाभ ? त्रिलोचन की कवितायें देखिये , उनकी कविता को कलाहीन कला ( artless art ) कहा जाता है क्योंकि जन की आकांक्षा ही वहाँ कविता का मूल स्वर होती है या फिर वह प्रकृति के करीब होती है।