कवर्ग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संस्कृत में किसी शब्द के अंतर्गत वर्णमाला के कवर्ग से पवर्ग तक के वर्णों ( अर्थात् ‘ क ' से ‘ म ' तक के वर्ण ) के पूर्व अनुस्वार नहीं लिखा जाता है , बल्कि उसके स्थान पर संबंधित वर्ग का पांचवां वर्ण लिखा जाता है , जैसे कङ्कण ( कड़ा या चूड़ी ) , कञ्चन ( स्वर्ण ) , कण्टक ( कांटा ) , कन्दर ( गुफा ) , कम्पन ( कांपना ) , आदि ।
- अर्थात कवर्ग ( क , ख , ग , घ , ङ ) के पहले चार वर्णों से पहले आधा ङ ( ङ् ) , चवर्ग ( च , छ , ज , झ , ञ ) के पहले चार वर्णों से पहले आधा ञ ण ( ण् ) , तवर्ग ( त , थ , द , ध , न ) के पहले चार वर्णों से पहले आधा न ( न् ) तथा पवर्ग ( प , फ , ब , भ , म ) के पहले चार वर्णों से पहले आधा म ( म् ) आता है।