कवि गंग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस संदर्भ मे कवि गंग का कहना हैः- सूरज “ तारो के तेज में चन्द छिपे नहीं
- अकबर के दरबारी कवि गंग के दो छन्दों पर रीझकर इन्होंने 36 लाख रुपये दे दिए थे।
- कवि गंग के विषय में भिखारीदास जी का कथन हैः “तुलसी गंग दुवौ भए , सुकविन में सरदार”।
- कहे कवि गंग सुन शाह अकबर ! पूरन गुरू मिला , तो और को नमस्कार किया न किया।
- कवि गंग के विषय में भिखारीदास जी का कथन हैः “तुलसी गंग दुवौ भए , सुकविन में सरदार” ।
- कवि गंग उनकी दान वृत्ति पर प्रसन्न होते थे और उन्होंने कभी इस बात पर उन्हें कुछ नहीं कहा।
- अकबर के साथ ही रहीम , बीरबल, मानसिंह तथा टोडरमल आदि अकबर के दरबारीगण कवि गंग के चाहने वाले थे।
- अकबर के दरबारी कवि गंग के दो छंदों पर प्रसन्न होकर रहीम ने उन्हें 36 लाख रुपये दे दिए थे।
- हिंदी कवि गंग को रहीम ने एक छप्पय छंद पर प्रसन्न हो ३ ६ लाख रुपए पुरस्कार में दिए थे।
- बादशाह अकबर के साथ ही रहीम , बीरबल, मानसिंह तथा टोडरमल आदि अकबर के दरबारीगण कवि गंग के चाहने वाले थे।