काया-कल्प का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जब लोग पत्थरियाते हुये मजनू का काया-कल्प कर रहे होंगे , उसकी आत्मा का गठबंधन परमात्मा से कराने में जुटे होंगे तब ही लैला के मुंह से बोल फ़ूटे होंगे - कोई पत्थर से न मारे मेरे दीवाने को।
- भाजपा , नरेंद्र मोदी से देश की काया-कल्प करने का सपना बेंचवा रही है , तो कांग्रेस राहुल से युवाओं का भविष्य संवारने का , खाने की ( किसके और क्या खाने की ? ) गारंटी का सपना बेंच रही है।
- २ ०० ३ में सिंगापुर आई थीं तो मैंने और बहु ने कमर-कस ली थी कि इस बार इनका काया-कल्प कर के ही मानेंगे | बालों पर कैंची तो थोड़ी चल भी पायी लेकिन रंग-रोगन तब भी न चढ़ा पाये हम दोनों |
- बड़प्पन का ओछापन सँभालते बड़बोले अपने मुँह से निकली हर बात के लिए अपने आप को शाबाशी देते हैं जैसे दुनिया की सारी महानताएँ उनकी टाँग के नीचे से निकली हों कुनबे के काया-कल्प में लगे बड़बोले विश्व कल्याण से छोटी बात नहीं बोलते।
- पर जो वाकई मीडिया हाउस हैं , सारे लाभ लेते हैं मीडिया होने के, केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक के खूब विज्ञापन मिलते हैं, वे साले दिल से केवल दस फीसदी ईमानदार हो जाएं तो देश का काया-कल्प हो जाए, मीडिया का कायाकल्प हो जाए.
- उनकी सरकार द्वारा इन सब बातों को ध्यान में रखते हुये , लखनऊ में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिये 3,984 करोड़ रुपये से अधिक धनराषि की कुल 53 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान कर लखनऊ शहर का काया-कल्प करने की कोशिश उनकी सरकार द्वारा की गयी है।
- वन अधिकार मान्यता पत्र धारक बस्तरिया किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भूमि समतीकरण के लिए मिल रही सहायता के फलस्वरूप जहां उनके खेतों का काया-कल्प हो रहा है , वहीं उनकी जिंदगी की तस्वीर भी बदल रही है और वे एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
- पर जो वाकई मीडिया हाउस हैं , सारे लाभ लेते हैं मीडिया होने के , केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक के खूब विज्ञापन मिलते हैं , वे साले दिल से केवल दस फीसदी ईमानदार हो जाएं तो देश का काया-कल्प हो जाए , मीडिया का कायाकल्प हो जा ए.
- इस पार्क के चारों ओर मजबूत फेंस के लिए बनाए गए गढ्ढे , कटे पेड़ों की टहनियां छोटे-छोटे जड़ से उखड़े पेड़ सूखे मुरझाये सड़क पर दम तोड़ते नजर आते हें जाहिर सी बात है इस जंगल का काया-कल्प किया जारहा है , ओर ये काम जोर शोर से अपने पूरे अंजाम पर है ..
- न सिर्फ खाने-पीने और रहन-सहन के अन्दाज से कईयों ने स्वयं को भारतीय रखा है , वरन् भारत के लिए कुछ कर गुजरने की ललक ( भारत के जिस गांव या कस्बे से वे या उनके पूर्वज आए थे , उस ओर) बारबार उन्हें वापस भारत की ओर खींचती है और आज भारत के कोने-कोने में ऐसे गांवों का झुरमुट उठता चला आ रहा है जिनकी काया-कल्प में इन भारतवंशियों का हाथ स्पष्ट है।