कुंतक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संस्कृत के ही एक आचार्य कुंतक व्याख्या करते हैं कि जब शब्द और अर्थ के बीच सुन्दरता के लिये स्पर्धा या होड लगी हो , तो साहित्य की सृष्टि होती है।
- भामह , कुंतक, मम्मट जैसे चिंतक शब्द और अर्थ के सम्मिलित तत्व को काव्य मानते हैं, केवल शब्द को या केवल अर्थ को नहीं, क्योंकि काव्य में दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
- भामह , कुंतक, मम्मट जैसे चिंतक शब्द और अर्थ के सम्मिलित तत्व को काव्य मानते हैं, केवल शब्द को या केवल अर्थ को नहीं, क्योंकि काव्य में दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
- भामह , कुंतक, मम्मट जैसे चिंतक शब्द और अर्थ के सम्मिलित तत्व को काव्य मानते हैं, केवल शब्द को या केवल अर्थ को नहीं, क्योंकि काव्य में दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
- भामह , कुंतक, मम्मट जैसे चिंतक शब्द और अर्थ के सम्मिलित तत्व को काव्य मानते हैं, केवल शब्द को या केवल अर्थ को नहीं, क्योंकि काव्य में दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता।
- उधर वक्रोक्तिवादी कुंतक भी काव्य में उपात्त शब्द और अर्थ के व्यापार को साधारण अभिधा न मानकर विचित्रामिधा या वक्रोक्ति कहते हैं और इस वक्रोक्ति का विनियोग वर्ण , पद, वाक्य, अर्थप्रकरण, प्रबंध जैसे काव्यांगों में निर्दिष्ट करते हैं।
- उधर वक्रोक्तिवादी कुंतक भी काव्य में उपात्त शब्द और अर्थ के व्यापार को साधारण अभिधा न मानकर विचित्रामिधा या वक्रोक्ति कहते हैं और इस वक्रोक्ति का विनियोग वर्ण , पद, वाक्य, अर्थप्रकरण, प्रबंध जैसे काव्यांगों में निर्दिष्ट करते हैं।
- इधर अमरीका में जो संरचनावादी पद्धति की नई काव्यसमीक्षा चल पड़ी है , वह उसी दृष्टिकोण को लेकर चली जिसका सूत्रपात संस्कृत काव्यों के विवेचन के संबंध में हमारे यहाँ अपने-अपने ढंग से वामन, आनंदवर्धन और कुंतक कर चुके हैं।
- इधर अमरीका में जो संरचनावादी पद्धति की नई काव्यसमीक्षा चल पड़ी है , वह उसी दृष्टिकोण को लेकर चली जिसका सूत्रपात संस्कृत काव्यों के विवेचन के संबंध में हमारे यहाँ अपने-अपने ढंग से वामन, आनंदवर्धन और कुंतक कर चुके हैं।
- ( 4 ) वक्रोक्ति संप्रदाय की उद्भावना का श्रेय आचार्य कुंतक को ( 10 वीं शताब्दी का उत्तरार्ध ) है जिन्होंने अपने “ वक्रोक्ति जीवित ” में “ वक्रोक्ति ” को काव्य की आत्मा ( जीवित ) स्वीकार किया है।