कुवलयापीड़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मथुरा में केशी , कुवलयापीड़ , चाणूर , शल- तुशल एवं कंस का वध किया।
- महावत सावधान था , अन्यथा क्षण भर में ही वह कुवलयापीड़ के पैरों से कुचला जाता।
- दूसरे दिन अर्थात शिव चतुर्दशी के दिन कुवलयापीड़ , चाणुरमुष्टिक एवं कंस का वध हुआ था।
- कुछ ही क्षणों में कुवलयापीड़ धरती पर आ गिरा और कृष्ण कूद कर उसके ऊपर जा चढ़े।
- कृष्ण पीछे हट गए थे और उन्होंने कुवलयापीड़ का दाँत महावत के पेट के आर-पार पहुँचा दिया था।
- दाँत कृष्ण के हाथ में था और कुवलयापीड़ रक्त बहाता हुआ , पीड़ा से पागल होकर चिंघाड़ रहा था।
- वे कुवलयापीड़ पर पीछे , दाएँ , बाएँ - तीन ओर से उसी के दाँत से प्रहार कर रहे थे।
- कुवलयापीड़ कृष्ण के सिर पर आ पहुँचा था और कृष्ण दो बार उठने का प्रयत्न कर पुन : गिर चुके थे।
- [ [ कालिय नाग | कालिय दमन ]] और [[ कुवलयापीड़ | कुवलया वध ]] के प्रसंग इसी प्रकार के स्थल हैं।
- इस बार कुवलयापीड़ ने अपने लंबे तीखे दाँतों को उनके शरीर में भोंक देने के लिए पूरे वेग से प्रहार किया।