कूँची का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पर्णविहीन उस जंगल के पेड़ों के तनों पर जैसे मौका पाकर किसी चित्रकार ने अपनी कूँची से नर्म रौशनी का रंग फेर दिया था।
- रंग और कूँची उनके जीने का सहारा बने ; जबकि इससे पहले न कभी उन्होंने चित्र बनाए न बाद में किसी से प्रशिक्षण लिया।
- पर्णविहीन उस जंगल के पेड़ों के तनों पर जैसे मौका पाकर किसी चित्रकार ने अपनी कूँची से नर्म रौशनी का रंग फेर दिया था।
- ताजमहल की छाया में : अज्ञेय मुझ में यह सामर्थ्य नहीं है मैं कविता कर पाऊँ, या कूँची में रंगों ही का स्वर्ण-वितान बनाऊँ ।
- आजकल देवेन्द्रजी की कूँची का जादू अहा ! ज़िन्दगी में सर चढ़ कर बोल रहा है…तक़रीबन हर माह देवेन्द्र के करिश्मे को आप यहाँ देख सकते हैं।
- क्यों कूँची को चुना ? एक तरफ सत्य जानते हुए भी प्रसाद ............. सामाजिक बाह्य धर्म को निभा रहे हैं . दूसरी तरफ उत्तमा जी .................
- क्या भूलूँ , क्या याद करुँ ' की ललक में ' भूले बिसरे चित्र ' पर कूँची फेरने लगा तो परती परिकथा उजागर हो गयी ।
- लघुकथा क्षण-विशेष में उपजे भाव , घटना या विचार के कथ्य-बीज की संक्षिप्त फलक पर शब्दों की कूँची और शिल्प से तराशी गई प्रभावी अभिव्यक्ति है।
- जी हाँ , यह पेंटिंग बना भेजी है प्रणव गौड़ 'कुश' ने, जो हर त्योहार पर हमें कोई न कोई चित्र अपनी नन्ही कूँची से बना भेजते हैं।
- अपने अभय तिवारी ने उनसे कहा कि जिन हाथों में कूँची पकड़ते हो उन हाथों में तुम अब कार्बाइन थामोगे ? मैं इस सोच का विरोध करता हूँ!