कृष्णवर्ण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- काकध्वज भीषण कृष्णवर्ण ज्यों अंजन की पुतली , सदैव क्षुधित और सब अशुभ चिन्हों से युक्त युवक हुए , जिन्होंने अपभ्रंश का व्याकरण सर्वप्रथम स्थिर करने का सुन्दर प्रयास किया किन्तु एक कौवा उनकी पांडुलिपि ले कर उड़ गया और किन्हीं ऋषियों की मंडली , जहाँ अग्निहोत्र कर रही थी , उस यज्ञकुंड में गिरा गया .
- गहरी कृष्णवर्ण पृष्ठभूमि में निहित प्राइवेसी / गोपनीयता / अमुक्त अनिश्चित सत्य की तुलना में काव्य संकलन शीर्षक और कवि के नाम का धवलवर्णी प्राकट्य और रक्तवर्णी दो बिंदुओं का छोटा सा संयोजन कहता है कि कवि सायास ही ज्यादातर अव्यक्त (श्यामवर्ण) रहते हुए केवल दो रंगों की शब्द / रेखीय लघुता में नियोजित ढंग से प्रकट / अभिव्यक्त होता है !
- बीकानेर महाराजा से महापंडित श्याम पांडिया के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी की पुष्टि , के आधार पर यज्ञ का निमंत्रण लेकर जब राज्याधिकारी जयपुर से श्याम पांडिया के गांव पहुंचे तो वहां खेत में श्रमरत भीमकाय घुटनों तक धोती मात्र पहले कृष्णवर्ण कृषक से मिलकर विश्वास ही नहीं कर पाए कि वही पंडित श्याम पांडिया हैं जिन्हें लिवाने के लिए सैकडों मील से उन्हें पठाया है;
- बैठे गले , गंजी खोपड़ी , कृष्णवर्ण एवं स्थूल शरीर वाले उनके एक वकील मित्र यदि कमर में चादर बांधे , बराबर हाथ जोड़े , सिर हिलाते हुए , नम्रतापूर्ण स्मितहास्य और गद्गद वचनों से कंसर्ट पार्टी के करताल बजाने वाले से लेकर वरकर्ता तक प्रत्येक को बार-बार प्रचुर मात्रा में अभिषिक्त न कर देते तो शुरू में ही मामला इस पार या उस पार हो जाता।
- बैठे गले , गंजी खोपड़ी , कृष्णवर्ण एवं स्थूल शरीर वाले उनके एक वकील मित्र यदि कमर में चादर बांधे , बराबर हाथ जोड़े , सिर हिलाते हुए , नम्रतापूर्ण स्मितहास्य और गद्गद वचनों से कंसर्ट पार्टी के करताल बजाने वाले से लेकर वरकर्ता तक प्रत्येक को बार-बार प्रचुर मात्रा में अभिषिक्त न कर देते तो शुरू में ही मामला इस पार या उस पार हो जाता।
- वेदों तथा शास्त्रों के अर्थ तथा तत्त्व के ज्ञाता , समस्त कार्यों का चिन्तन करने वाले, सभी गुणों से सम्पन्न, सर्वदेवेश्वर (शिव) - के पुत्र, श्रेष्ठ, सर्वेश्वर, सौम्य, साक्षात् महाविष्णु के विग्रहस्वरुप, देवताओं के सेनापति, गम्भीरता से युक्त, यज्ञ को विनष्ट करने वाले, ऐरावत हाथी पर सवार, काले तथा घुँघराले केशवाले, कृष्णवर्ण के अंगवाले, लाल नेत्रों वाले, चन्द्रमा तथा सर्प के आभूषणवाले, भूतों-प्रेतों-पिशाचों तथा कूष्माण्डों से घिरे हुए और शिवार्चन में तल्लीन वे आर्य कालभैरव मेरे पाप को दूर करें ।।
- मेरी इस कशमकश के साक्ष्य बतौर आप काव्य संकलन के कलेवर की सज्जा / आवरण पृष्ठ के रंग संयोजन पे गौर फरमाइये ! गहरी कृष्णवर्ण पृष्ठभूमि में निहित प्राइवेसी / गोपनीयता / अमुक्त अनिश्चित सत्य की तुलना में काव्य संकलन शीर्षक और कवि के नाम का धवलवर्णी प्राकट्य और रक्तवर्णी दो बिंदुओं का छोटा सा संयोजन कहता है कि कवि सायास ही ज्यादातर अव्यक्त (श्यामवर्ण) रहते हुए केवल दो रंगों की शब्द /रेखीय लघुता में नियोजित ढंग से प्रकट / अभिव्यक्त होता है !
- मेरी इस कशमकश के साक्ष्य बतौर आप काव्य संकलन के कलेवर की सज्जा / आवरण पृष्ठ के रंग संयोजन पे गौर फरमाइये ! गहरी कृष्णवर्ण पृष्ठभूमि में निहित प्राइवेसी / गोपनीयता / अमुक्त अनिश्चित सत्य की तुलना में काव्य संकलन शीर्षक और कवि के नाम का धवलवर्णी प्राकट्य और रक्तवर्णी दो बिंदुओं का छोटा सा संयोजन कहता है कि कवि सायास ही ज्यादातर अव्यक्त ( श्यामवर्ण ) रहते हुए केवल दो रंगों की शब्द / रेखीय लघुता में नियोजित ढंग से प्रकट / अभिव्यक्त होता है !