खाण्डव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- महात्मा विदुर पाण्डवों को अपने साथ लाए और राज्य सभा में लिये गये निर्णय के अनुसार महाराज धृतराष्ट्र ने उन्हें आधा राज्य देने की घोषणा कर ते हुए धर्मराज युधिष्ठर को निर्देश दिया कि वह अपने भाईयों के साथ जाकर खाण्डव वन को आबाद कर वहां से अपना राज्य चला सकते हैं।
- जिसे न दण्डकारण्य का पता है , न खाण्डव वन का और न ही नैमिषारण्य का , उस हिन्दुस्तानी को भी पता ही है कि इस देश में कभी तपोवनों का जाल बिछा हुआ था और तपोवन नाम से ही जाहिर है कि तपस्या करने के ये स्थान वनों में हुआ करते थे।
- एक दिन पितामह से न रहा गया | उन्होंने इसे फटकारते हुए कहा , ” दुरभिमानी कर्ण ! व्यर्थ की बात क्यों किया करता है | खाण्डव दाह के समय श्रीकृष्ण और अर्जुन ने जो वीरता प्रकट की थी , उसको याद करके तुझे लज्जित होना चाहिए | क्या तू श्रीकृष्ण को साधारण व्यक्ति समझता है ?
- ४ ८ ( खाण्डव वन के दाह से संतुष्ट अग्नि द्वारा अर्जुन को गाण्डीव धनुष व बाणों से पूर्ण इषुधि आदि प्रदान करने का उल्लेख ) , १ ३ ० . ३ १ ( पाण्डव कुमारों की कूप में पतित मुद्रिका को द्रोण द्वारा शर की सहायता से बाहर निकालने का वर्णन ) , १ ३ १ .
- लित थी यौवन की ज्यों जलता हो खाण्डव वन लपट पुंज उठते प्रदग्ध अति बूँद बूँद पिघलाते तन या प्रतप्त था हवन कुण्ड ज्यों आम्र शाख सा जलता तन लपटें पकड़ रही लपटों को आतुर हो होकर हर क्षण नीचे वसुधा ऊपर अम्बर झूला बना पुष्प उपवन पेंग बढ़ा संपृक्त प्राण-द्वय पल पल छूते सप्त गगन वाजि बना वह काल खण्ड ,
- ८ ० . और ११ ४ तथा अध्याय ५५ - ४४ ) इसके अनुसार यात्री मणिकर्णिका घाट से गंगा के किनारे किनारे चलना आरम्भ करके अस्सी घाट के पास मणिकर्णिका से ६ मील दूर खाण्डव ( कंदवा ) नामक गांव में रुकता है , वहा से दूसरे दिन धूपचन्डी के लिये जिसकी दूरी १ ० मील है , प्रस्थान करता है , वहां धूपचन्डी का मन्दिर है .