खुसफुसाहट का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हे भगवान , रघु मिल जाए , नहीं तो पता नहीं यह क्या करेगी ! '' पड़ोसियों में भी खुसफुसाहट होने लगी थी- “ भला ऐसा कैसा पढ़ाया कि बच्चा घर छोड़कर ही भाग गया .... ? ” जितने मुँह , उतनी ही बातें।
- और सिल्वर स्क्रीन पर यह डायलॉग भी खुसफुसाहट भरे अंदाज में नहीं उभरे बल्कि हंगामे के साथ देखने वालो के सीने को पार कर आक्रोष और जोश की हदों को पार कर अकेले अपने बूते ही सबकुछ बदलने की एक हवा तैरा देते थे ।
- और सिल्वर स्क्रीन पर यह डायलॉग भी खुसफुसाहट भरे अंदाज में नहीं उभरे बल्कि हंगामे के साथ देखने वालो के सीने को पार कर आक्रोष और जोश की हदों को पार कर अकेले अपने बूते ही सबकुछ बदलने की एक हवा तैरा देते थे ।
- लाला वेतन तो अभी देगा नहीं , झूठ वह बोल सकता नहीं कि चुंगी वाले ने ५००/- रूपये ही लिए ! अब क्या करे ? बड़ी दिमागी कशमकश के बाद उसने दृढ निश्चय लिया, ट्रक ड्राइवर से कुछ खुसफुसाहट की, उसे अपनी सारी मजबूरी बयान की ।
- लाला वेतन तो अभी देगा नहीं , झूठ वह बोल सकता नहीं कि चुंगी वाले ने ५००/- रूपये ही लिए ! अब क्या करे ? बड़ी दिमागी कशमकश के बाद उसने दृढ निश्चय लिया, ट्रक ड्राइवर से कुछ खुसफुसाहट की, उसे अपनी सारी मजबूरी बयान की ।
- पहली बार जब सरबजीत को फांसी की तिथि निर्धारित हो गयी तो कुछ हल्कों में खुसफुसाहट होने लगी कि इस मामले में पाकिस्तान सरकार मोलतोल के विचार में है और भारत सरकार की ओर से सफाई आई कि सरबजीत के बदले में किसी पाकिस्तानी कैदी को नहीं छोडा जायेगा।
- पहली बार जब सरबजीत को फांसी की तिथि निर्धारित हो गयी तो कुछ हल्कों में खुसफुसाहट होने लगी कि इस मामले में पाकिस्तान सरकार मोलतोल के विचार में है और भारत सरकार की ओर से सफाई आई कि सरबजीत के बदले में किसी पाकिस्तानी कैदी को नहीं छोडा जायेगा।
- लाला वेतन तो अभी देगा नहीं , झूठ वह बोल सकता नहीं कि चुंगी वाले ने ५ ०० / - रूपये ही लिए ! अब क्या करे ? बड़ी दिमागी कशमकश के बाद उसने दृढ निश्चय लिया , ट्रक ड्राइवर से कुछ खुसफुसाहट की , उसे अपनी सारी मजबूरी बयान की ।
- इसलिए ऑफिस में रोमांस करने वाले वे लोग संभल जाएँ ताकि आपका घर टूटने से बच जाएँ और ऑफिसों में होने वाली खुसफुसाहट से , जो आपकी खराब छवि ऑफिस में निर्मित करती है उनसे आप बचे रहें ताकि आगे आने वाले समय के लिए आपके द्वारा बरती गई सावधानी से आपकी ऑफिस लाइफ और बाहरी दुनिया में हँसी के पात्र बनने से बच जाएँ।
- तब कवि और पत्रकार आज के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व विपक्ष के नेता हरक सिंह रावत में घनिष्ट दोस्ती होने के कारण कभी -कभी विपक्ष व सत्ता के नेता पहले तो यह बात भाजपा और कांग्रेस के भीतर खुसफुसाहट के रुप में कही जा रही थी उनके और मुख्यमंत्री के बीच कोई गुप्त संधि तो नहीं हैं राजनिती में पुराने बातो को खूब उछाला जाता है हरक सिंह रावत स्कूटर के आगे और उनके पीछे की सीट पर आज के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हुआ करते थे।