खोंसा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इससे आगे के गर्भ गृह में है - सत्यभामा जिनकी मूर्ती पारंपरिक मुद्रा में है यानि दोनों ओर कमर पर हाथ रखे है , पीछे बंधा है बालो का जूडा और आँचल एक ओर से कमर में खोंसा गया है।
- इनमें तवांग से केसंग फेले , ज़िरो होपाली से कुरु ताई , अनिनी से बंदे मिली , हयुलिंग से बनिम करी , बोर्दुम्सा-दियुम से सिरैओंग सिंगपो , खोंसा वेस्ट से लंग्वांग सोमपा और बोर्दुरिया बोगापनी से तोंहंग तोंग्लुक शामिल हैं .
- इनमें तवांग से केसंग फेले , ज़िरो होपाली से कुरु ताई , अनिनी से बंदे मिली , हयुलिंग से बनिम करी , बोर्दुम्सा-दियुम से सिरैओंग सिंगपो , खोंसा वेस्ट से लंग्वांग सोमपा और बोर्दुरिया बोगापनी से तोंहंग तोंग्लुक शामिल हैं .
- तो उन् होंने बिड़ला मन् दिर की ओर तेज़ क़दम बढ़ाये , लक्ष् मीनारायण के आगे हाथ जोडे़ , असीक का फूल चुटिया में खोंसा और पीछे के उस प्राँगण में जा पहुँचे जहाँ एक महात् मा जी गीता का प्रवचन कर रहे थे।
- [ सं-स्त्री . ] 1 . धोती का वह छोर जिसे दोनों जाँघों के बीच में से निकालते हुए कमर में खोंसा जाता है ; काछ ; लाँग 2 . गुदेंद्रिय का भीतरी भाग ; गुदावर्त ; गुदाचक्र 3 . गुदा संबंधी एक रोग।
- भोले के भक्तों के दमकते चेहरे , ट्रैफिक जाम में फँसे लोगो के खीझते ,बड़बड़ाते चहरे और उ टोपी वाला उजला ड्रेस वाले सिपाहिए का बेचारगी से भरा चेहरा- सब एक साथ आँखों के सामने घूम गया.....इन विचारो को झटक कर आँचल की गाँठ को कमर में खोंसा और उठ खड़ी हुई।
- सिंह साहब ने गुलाबी फॉर्म पर अपने हस्ताक्षर किये , ठप ठप कर के दो या तीन मुहरें लगाईं, फॉर्म को एक नोटबुक के बीच में खोंसा और जनार्दन के हाथ में पीतल का एक टोकन थमा दिया.जनार्दन एक कोने में खड़ा हो कर प्रतीक्षा करने लगा उस नोटबुक के अगले पड़ाव तक पहुँचने की.
- इसलिए उन्होंने अपनी ढीली पगड़ी को उतारकर फिर से जूड़े पर लपेटा ; धरती पर लटकती हुई तहमद का किनारा कमर में खोंसा ; कृपाण को म्यान से निकालकर उसकी धार का निरीक्षण करके उसे फिर म्यान में रखा और फिर इस्लामाबाद के किसी बढ़िया ' नए ' मकान पर अधिकार जमाने के विचार से चल पड़े।
- सफ़ेद ज़ीन का तंग पाजामा , उसके ऊपर पूरे आस्तीन का शलूकानुमा कुर्ता, उसी कपड़े का, कमर में सुर्ख़ दुपट्टा और उसमें एक पेशक़ब्ज़ खोंसा हुआ, सर पर सियाह रंग का फेंटा, कलाइयों में लोहे के कड़े, हाथ में नौ सेर का कद्दे-आदम लट्ठ जिसे कई बरसों तक बारिश में रख़कर और फिर कई महीनों तक सरसों का तेल पिला-पिला कर कलछांऊँ लोहे के सरिये से ज़्यादा सख़्त और लचीला बना दिया गया था।
- सफ़ेद ज़ीन का तंग पाजामा , उसके ऊपर पूरे आस्तीन का शलूकानुमा कुर्ता, उसी कपड़े का, कमर में सुर्ख़ दुपट्टा और उसमें एक पेशक़ब्ज़ खोंसा हुआ, सर पर सियाह रंग का फेंटा, कलाइयों में लोहे के कड़े, हाथ में नौ सेर का कद्दे-आदम लट्ठ जिसे कई बरसों तक बारिश में रख़कर और फिर कई महीनों तक सरसों का तेल पिला-पिला कर कलछांऊँ लोहे के सरिये से ज़्यादा सख़्त और लचीला बना दिया गया था।