गणित विद्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( शेष अगले भाग में) गणित विद्या और शून्य का आविष्कार सभी यह जानते हैं कि गणित में शून्य और दशमलव का आविष्कार भारत ने किया है किन्तु यह आंशिक सत्य है क्योंकि गणित विद्या का मूल(कारण) वेदों में है जिसमें न केवल शून्य से लेकर ९ तक सभी प्राकृतिक अंको का वर्णन है वरन अंक गणित, बीज गणित और रेखा गणित सभी गणित विद्या के ३ आधार ईश्वर ने हमको दिये हैं।
- मैं गणित में कमजोर होने की वजह से सभी की दृष्टि में बुद्धु था ही . आजसमझ में आ रहा है, कि उस समय के गणित विद्या के पारंगत तथाकथित बुद्धिमानोंसे आज कम्प्यूटर यंत्र करोड़ों गुना अधिक बुद्धिमान है! पर कम्प्यूटर क्यारसा साहू की वेदना को समझ सकेगा? वृंदा विधवा के हृदय की हाहाकार को समझपायेगा? "कबूतर मेरा गुरु" कहानी लिख पायेगा? लिख पायेगा "अंधेरी रात कासूरज" जैसी कहानी? मेरे शिक्षक या अध्यापक कोई भी मेरे साहित्यिक जीवनके निर्माण में सहायक नहीं हुए.