गागरी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सज-धज के आयी रे बादरी बरसै झुमकि-झूम हुलसै आँगन-बीच पानी में पूर-पूर गागरी देखि यह राग ( संग न सुहाग!)
- खग कुल कुल-कुल सा बोल रहा , किस्लय का आंचल डोल रहा, लो यह लत्तिका भी भर लाई मधु मुकुल नवल रन गागरी ।
- पीतल की मेरी गागरी ” एक ऐसा कर्णप्रिय गीत है जिसे बार बार सुन कर भी जैसे मन नहीं भरता और इसे बार बार पूरे चाव से सुना जा सकता है।
- जी हाँ , ' सखी सहेली ' शृंखला की आज की कड़ी में प्रस्तुत है मिनू पुरुषोत्तम और परवीन सुल्ताना की आवाज़ों में फ़िल्म ' दो बूंद पानी ' का एक बड़ा ही प्यारा गीत “ पीतल की मेरी गागरी ” ।
- वे दोनों इस महान देश की महिलाएं थीं , भावनाओं की चाशनी में पगी, भाषा की उन्नत उठान में ढली, पहनावे की समुद्री लहरों की तरंगों में खिलीं, दिखावे के महाभ्रम जाल में सजी, जज़्बातों की सपनीली गागरी से भरी, विचारों की उन्नत श्रृंखलाओं से अड़ी!
- जिसकी लाली ओढ़ के , लाल हुआ कचनार छलके उसकी गागरी, अँजुरी भर दो चार सूना-सूना मन का घर, संशय थे अनेक खोल झरोखा आन मिली धूप कणी की रेख पल दो पल संताप से, मन क्यों करता रोष जलती धरती देख के, बरसे शीतल ओस अतिरिक्त......
- जिसकी लाली ओढ़ के , लाल हुआ कचनार छलके उसकी गागरी, अँजुरी भर दो चार सूना-सूना मन का घर, संशय थे अनेक खोल झरोखा आन मिली धूप कणी की रेख पल दो पल संताप से, मन क्यों करता रोष जलती धरती देख के, बरसे शीतल ओस अतिरिक्त...
- जिसकी लाली ओढ़ के , लाल हुआ कचनार छलके उसकी गागरी, अँजुरी भर दो चार सूना-सूना मन का घर, संशय थे अनेक खोल झरोखा आन मिली धूप कणी की रेख पल दो पल संताप से, मन क्यों करता रोष जलती धरती देख के, बरसे शीतल ओस अतिरिक्त...
- प्राप्ति से भर लबालब छलकने लगी चाहना की बढ़ाई हुई आंजुरी कामना बून्द की थी , मिली प्रीत से बादलों के भरे कोष की गागरी दूरियाँ गीत गाने मिलन के लगीं अपने अस्तित्व की आहुति होम कर दॄष्टि के कक्ष में बन्द होकर मिलन जगमगाया सितारा बना व्योम पर
- इक दिन ऐसा भी था पानी था गाँव में , लाते थे गागरी भर के तारों की छाँव में , कहाँ से पानी लाएँ कहाँ ये प्यार बुझाएँ , जल जल के बैरी धूप में कम ना आया रंग दुहाई रे , पीतल की मेरी गागरी दिलदी से मोल मंगाई रे।