गुडूची का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- किरातिक्त के पंचांग ( पत्ता , तना , फल , फूल और जड़ ) , गुडूची का तना , रक्त ( लाल ) चंदन काष्ठ और शुंठी आदि को बराबर मात्रा में लेकर बने काढ़े का़ 14 से 28 मिली लीटर की मात्रा में रोजाना 3 बार सेवन करने से चौथे दिन आने वाला बुखार समाप्त हो जाता है।
- गुडूची का तना , शतावरी की जड़ ( मूल ) , सारिवा की जड़ ( मूल ) व पटोल के पत्ते , निम्ब ( नीम ) का बारीक चूर्ण ( त्वक् ) , लाल चंदन की लकड़ी आदि को बराबर मात्रा में लेकर पकाकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इसी बने काढ़े को 14 मिलीलीटर से लेकर 28 मिलीलीटर की मात्रा में प्रतिदिन सुबह-शाम को महिलाओं के स्तनों का दूध विकार रहित हो जाता है।