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गुरु अंगद देव का अर्थ

गुरु अंगद देव अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. गुरु नानक देव • गुरु अंगद देव • गुरु अमर दास • गुरु राम दास • गुरु अर्जुन देव • गुरु हरगोबिन्द सिंह • गुरु हर राय • गुरु हर किशन सिंह • गुरु तेग बहादुर सिंह • गुरु गोबिन्द सिंह
  2. गुरु नानक , गुरु अंगद देव की नैतिकता गुरु अमर दास, रामदास एवं गुरु अर्जुन देव की सहनशीलता तथा गुरु तेग बहादुर की शहीदी ने जो महान रास्ता भारतवासियों को दिखाया उसकी दृढ निशान देही गुरु गोविन्द सिंह ने खालसे की सिरजनाकी।
  3. गुरु नानक , गुरु अंगद देव की नैतिकता गुरु अमर दास, रामदास एवं गुरु अर्जुन देव की सहनशीलता तथा गुरु तेग बहादुर की शहीदी ने जो महान रास्ता भारतवासियों को दिखाया उसकी दृढ निशान देही गुरु गोविन्द सिंह ने खालसे की सिरजनाकी।
  4. लंगर की प्रथा १ २ वीं १ ३ वीं सदी में सुफिओं के डेरों में आम थी , और यहाँ से ही सिख धर्म में आई . गुरु नानक ने इसको शुरू किया और दुसरे गुरु अंगद देव ने पूरी तरह विव्स्थात किया .
  5. संस्थान में डेयरी उत्पादकता , गुणवत्ता नियंत्रण व विपणन प्रणाली विषय पर दक्षिण एशियन देशों के समूह सार्क देशों के वैज्ञानिकों के सम्मेलन की शुरुआत गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ . वीके तनेजा ने की।
  6. डॉ 0 कौड़ा के अनुसार दूसरी ओर पंजाब के लुधियाना स्थित गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने अपने 2 वर्षों के अध्ययन में बी टी कॉटन के चारे को पशुओं के लिए हानिकारक , रोग प्रतिरोधक शक्ति कम करने वाला , बांझपन लाने वाला और दस्त लगाने वाला पाया है।
  7. यहां स्थित गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनीमल साइंस यूनिवर्सिटी ( गडवासू ) के कालेज ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलाजी के डीन डा . ओएस परमार के अनुसार अभी तक इसके संबंध में अनुसंधान नहीं किया गया है कि प्रदेश में पराली जलाने से कितने पशुओं व पक्षियों की मौत हो चुकी है।
  8. गुरु अर्जुन देव ( 2.5), सिक्खों के पंचम गुरु एवं ग्रन्थ-साहब के संकलन कर्ता; गुरु नानक का उत्तराधिकारी एवं लंगर-पद्धति का शुभारम्भ करने वाले गुरु अंगद देव (4.5) और गुरु ग्रन्थ साहब में जिनकी वाणी का संकलन है ऐसे गुरु अमरदास (23.5) सरीखे गुरु तो सिक्ख सम्प्रदाय के दस गुरुओं में अपनी विशेष पैठ बनाए हुए हैं।
  9. विक्रम संवत की चैत्र शुक्ल की पहली तिथि से न केवल नवरात्रि में दुर्गा व्रत-पूजन का आरंभ होता है , बल्कि राजा रामचंद्र का राज्याभिषेक , युधिष्ठिर का राज्याभिषेक , सिख परंपरा के द्वितीय गुरु अंगद देव का जन्म , आर्य समाज की स्थापना , महान नेता डॉ . केशव बलिरामका जन्म भी इसी दिन हुआ था।
  10. गुरु जी ने अपना अन्तिम समय जानकर संगत को प्रगट कर दिया कि अब अपना शरीर त्यागना चाहते हैं | आपके यह वचन सुनकर आस पास की संगत इक्कठी हो गई और खडूर साहिब अन्तिम दर्शनों के लिए पहुँच गई | श्री गुरु अंगद देव जी ने इसके पश्चात एक सेवादार को भेजकर श्री अमर दास जी को खडूर साहिब बुला लिया |
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