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गुलगुल का अर्थ

गुलगुल अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. गुलगुल बाहर आया - “ बोलो , क्या काम है ? ” लोमड़ बोले - ” सेठजी , हमलोग अरब से खास मुनक्के और खजूर लाए हैं।
  2. महाराज ने कोतवाल बग्गा बाघ को सिपाहियों को साथ लेकर गुलगुल खरगोश के साथ जाने और उन नशे के सौदागरों को गिरफ्तार कर घसीटते हुए दरबार में पेश करने की आज्ञा दी।
  3. जिन ताल पोखरों की गहराई बढ़ा कर , बन्धा बना कर आप लोग गुलगुल हैं , उनमें पानी कहाँ से आएगा ? इसके लिए पैसा आ कहाँ से रहा है ? कभी सोचा ? ....
  4. बाहर निकले ही थे कि पड़ोसी ने टोक दिया- “ ध्यान से गुलगुल जी ९ . २ . ११ को प्रणय निवेदन करने जा रहे हो , कहीं आपकी वेलेंटाईन ही ९ - २ - ११ न हो जाए।
  5. उन्होंने पहले तो भीड़ छँटने का थोड़ा इंतजार किया फिर भीड़ न छँटती देख गुलगुल से बोले - “ अरे सेठजी , जरा इधर सुनिये ..... ” । गुलगुल बोला - ” अरे भैया , देखते नहीं , कितनी भीड़ है।
  6. उन्होंने पहले तो भीड़ छँटने का थोड़ा इंतजार किया फिर भीड़ न छँटती देख गुलगुल से बोले - “ अरे सेठजी , जरा इधर सुनिये ..... ” । गुलगुल बोला - ” अरे भैया , देखते नहीं , कितनी भीड़ है।
  7. लालमोहर ने एक काले कोटवाले से कहा , ‘ बाबू साहेब , जरा सुनिए तो ! ' काले कोटवाले ने नाक-भौं चढ़ा कर कहा - ‘ क्या है ? इधर क्यों ? ' लालमोहर की कचराही बोली गड़बड़ा गई - तेवर देख कर बोला , ‘ गुलगुल ..
  8. बटकी में बासी अउ चुटकी में नून , एक पईसा के भाजी ला दू पईसा बेचे गोई , गुलगुल भजिया खा-ले , गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा नई देखेंव खल्लारी मेला , मन के मन मोहनी मोर दिल के तैं जोगनी , जैसे अनेक गीतों के मशहूर गायक श्री शेख हुसैन जी आज 9 जून 2012 को हमारे बीच नहीं रहे , अल्लाह से दुआ है उनकी रूह को जन्नत नसीब करे …
  9. बटकी में बासी अउ चुटकी में नून , एक पईसा के भाजी ला दू पईसा बेचे गोई , गुलगुल भजिया खा-ले , गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा नई देखेंव खल्लारी मेला , मन के मन मोहनी मोर दिल के तैं जोगनी , जैसे अनेक गीतों के मशहूर गायक श्री शेख हुसैन जी आज 9 जून 2012 को हमारे बीच नहीं रहे , अल्लाह से दुआ है उनकी रूह को जन्नत नसीब करे …
  10. इन संग्रहों की यादगार कहानियों में मनोहर वर्मा की नन्हा जासूस , मां का विश्वास, चाल पर चाल, लीना और उसका बस्ता, यादवेन्द्र शर्मा चन्द्र की समुद्र खारा हो गया, एक छोटा राजपूत, टप-टप मोती, साहसी शोभा, भगवती प्रसाद द्विवेदी की फिसलन, भटकाव, गलती का अहसास, छोटा कद-बड़ा पद, देवेन्द्र कुमार की बाबा की छड़ी, मास्टर जी, डाक्टर रिक्शा, पुराना दोस्त, धूप और छाया, प्रकाश मनु की गुलगुल का चांद, आईं-माईं आईं-माईं मां की आंखें, मैं जीत गया पापा के नाम लिए जा सकते हैं।
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