गोष्ठ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गोष्ठ ( सं . ) [ सं-पु . ] 1 . गायों के रहने का स्थान ; गोशाला 2 .
- इसी तरह वैदिक काल में गोष्ठ के लिए सम्मेल , गोत्र के लिए बिरादरी का प्रयोग भी मिलता है .
- जाहिर है गौशाला , गोष्ठ , गोधन और ग्वालों के आश्रयस्थल के रूप में ब्रजः के अभिप्राय विकसित होते चले गए।
- जाहिर है गौशाला , गोष्ठ , गोधन और ग्वालों के आश्रयस्थल के रूप में ब्रजः के अभिप्राय विकसित होते चले गए।
- एतंदर्थ सर्वप्रथम गोष्ठ में पंचभू- संस्कार पूर्वक अग्नि की स्थापना करके उसमें यजुर्वेद के 6 मंत्रों ( 8.51 इह रति .
- वेदों और रामायण-महाभारत के काल में जहाँ इसका प्रयोग ' गोष्ठ ' - ' गो-स्थान ' जैसे लघु स्थल के लिये होता था।
- वेदों और रामायण-महाभारत के काल में जहाँ इसका प्रयोग ' गोष्ठ ' - ' गो-स्थान ' जैसे लघु स्थल के लिये होता था।
- *मालती माधव *मुरलीवाला *जशांच तंस ( 1951) *लाखाची गोष्ठ *नरवीर तानाजी (1952) *सौभाग्य *वाहिनी च्या बांगड्या (1953) *पहली तारीख *इन-मीन-साढ़े तीन *ऊन पाऊस (1954)
- गोष्ठ के दो प्रकार हैं : - ' खिरक ` - वह स्थान जहाँ गायें , बैल , बछड़े आदि को बाँधा जाता है।
- डीएन झा के मुताबिक जो लोग अपनी गायों के साथ एक ही गोष्ठ में रहते थे , उनका संबंध उसी गोत्र से हो जाता था।