घटनात्मक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कालांतर में सत्य घटनात्मक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रेरित धारावाहिक पंचम , जंजीरे , ं लकीरें , कन्हैया , बंूद बूंद , आसमान कैसे कैसे , लेखू और झूठ बोले कौवा काटे का निर्माण किया।
- खरे तर असे विधेयक आणण्यात घटनात्मक पेचप्रसंग तर आहेच शिवाय ज्या भ्रष्टाचाराने बाकी सगळी क्षेत्रे व्यापली आहेत तो या लोकपाल यंत्रणेलाही व्यापणार नाही , याची खात्री कोण देणार? शिवाय या यंत्रणेच्या प्रत्यक्ष अंमलबजावणीत अनेक अडचणी येऊ शकतात.
- अगर सरकार इसी तरह बार-बार झुकती रही तो न तो कंधार विमान अपहरण इस शृंखला की अंतिम घटनात्मक कड़ी थी और न ही मलकानगिरी के कलक्टर का माओवादियों द्वारा अगवा किया जाना ही इस प्रकार की अंतिम घटना है .
- अगर सरकार इसी तरह बार-बार झुकती रही तो न तो कंधार विमान अपहरण इस शृंखला की अंतिम घटनात्मक कड़ी थी और न ही मलकानगिरी के कलक्टर का माओवादियों द्वारा अगवा किया जाना ही इस प्रकार की अंतिम घटना है .
- आपकी अदालत ' सुर्खियांे में आये गुलशन सचदेवा ने कालांतर में सत्य घटनात्मक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि से प्रेरित धारावाहिक पंचम , जंजीरे , ं लकीरें , कन्हैया , बंूद बूंद , आसमान कैसे कैसे , लेखू और झूठ बोले कौवा काटे का निर्माण भी कर चुके है।
- व्यावहारिकता का आंशिक विकास प्रयोगशाला पर आधारित जंतु प्रयोगों की लोकप्रियता के कारण हुआ और आंशिक विकास फ्रुड की मनो गतिकी ( psychodynamic)की प्रतिक्रिया में हुआ, जिसका मूल रूप से (empirically)परिक्षण करना मुश्किल था, क्योंकि, अन्य कारणों के बीच, यह मामलों के अध्ययन और नैदानिक अनुभवों पर bharosa करने की प्रवृति रखता था, और बड़े पैमाने पर अन्तर-मनो घटना से क्रिया करता था, जिसकी मात्रात्मक गणना करना या उसे घटनात्मक रूप (define operationally)से परिभाषित करना मुश्किल काम था.
- व्यावहारिकता का आंशिक विकास प्रयोगशाला पर आधारित जंतु प्रयोगों की लोकप्रियता के कारण हुआ और आंशिक विकास फ्रुड की मनो गतिकी ( psychodynamic ) की प्रतिक्रिया में हुआ , जिसका मूल रूप से ( empirically ) परिक्षण करना मुश्किल था , क्योंकि , अन्य कारणों के बीच , यह मामलों के अध्ययन और नैदानिक अनुभवों पर bharosa करने की प्रवृति रखता था , और बड़े पैमाने पर अन्तर-मनो घटना से क्रिया करता था , जिसकी मात्रात्मक गणना करना या उसे घटनात्मक रूप ( define operationally ) से परिभाषित करना मुश्किल काम था .
- आदरणीया सरिता जी , पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित चौंकानेवाले उक्त सर्वे आदि प्राय : निकलते रहते हैं , जिन्हें पढ़कर बड़ी तकलीफ होती है | नई पीढ़ी के ये कारनामे निश्चित ही चिंतनीय हैं , पर यह सब दिन दूने रात चौगुने गति से बढ़ रहा है | हमारी सोच के लोग निरुपाय हैं और हमारी वैचारिकता कारगर नहीं हो पा रही है | ऐसे में आप ने घटनात्मक तथा तथ्यपरक प्रभावशाली आलेख से नई पीढ़ी को सद्दिशा दी है ; हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ ! ‘ बेस्ट ब्लॉगर ऑफ़ द वीक ' के लिए हृदयपूर्वक बधाई !