चातुर्मासिक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- साध्वी के 11 वर्ष के बाद होने वाले चातुर्मासिक नगर प्रवेश की शोभायात्रा में बीकानेर जिले , के विभिन्न स्थानों, प्रदेश के फलौदी, कोटा, भवानी मंडी जयपुर, रामगंज मंडी, विभिन्न इलाकों के साथ दिल्ली, कोलकाता, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश में इंदौर, विजयवाड़ा, छापीहेड़ा व दिल्ली सहित देश के अनेक इलाकों से श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए।
- भागवत तपस्या से आत्मोत्थान आचार्य श्री महाश्रमण द्वारा नशा मुक्त जसोल का आह्वान आचार्य श्री महाश्रमण विशाल अहिंसा रैली के साथ जसोल नगर मे प्रवेश करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ जसोल नगर की ओर प्रस्थान करते हुए हार्दिक आमंत्रण चातुर्मासिक दैनिक कार्यक्रम चातुर्मासिक तैयारियां जोरो पर . ..
- भागवत तपस्या से आत्मोत्थान आचार्य श्री महाश्रमण द्वारा नशा मुक्त जसोल का आह्वान आचार्य श्री महाश्रमण विशाल अहिंसा रैली के साथ जसोल नगर मे प्रवेश करते हुए आचार्य श्री महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ जसोल नगर की ओर प्रस्थान करते हुए हार्दिक आमंत्रण चातुर्मासिक दैनिक कार्यक्रम चातुर्मासिक तैयारियां जोरो पर . ..
- जहाँ एक और चातुर्मासिक पाक्षिक की दृष्टी से होली आत्मालोचन करने का एक विशिष्ठ अवसर है , वहीं दूसरी और रंगों से मनाया जाने वाला वह पर्व हमें इन्ही रंगों के द्वारा आत्म-भूमिकाओं की सर्वश्रेष्ठ अवस्था - -सिद्ध अवस्था में भी प्रस्थापित कर सकता है | किंतु प्रश्न यह है कि क्या मात्र एक दिन के लिए रंगों से खेलना पर्याप्त है ?
- इसी वर्ष आचार्य श्री तुलसी का चातुर्मास जोधपुर था ! चातुर्मासिक प्रवेश 7जुलाई को हुआ ! आचार्यवर ने उन्हें (महाश्रमण ) प्रात: उपदेश देने का निर्देश दिया ! 8 जुलाई से मुनि मुदित कुमारजी (महाश्रमण ) उपदेश देना प्रारंभ किया ! उनकी वक्तृत्व शैली व् व्याख्या करने के ढंग ने लोगो को अतिशय प्रभावित किया ! जोधपुर के तत्व निष्ठ सुश्रावक श्री जबरमलजी भंडारी ने कहा इनकी व्याख्यान शैली से लगता है ये आगे जाकर महान संत बनेगे !
- इसी वर्ष आचार्य श्री तुलसी का चातुर्मास जोधपुर था ! चातुर्मासिक प्रवेश 7जुलाई को हुआ ! आचार्यवर ने उन्हें (महाश्रमण ) प्रात: उपदेश देने का निर्देश दिया ! 8 जुलाई से मुनि मुदित कुमारजी (महाश्रमण ) उपदेश देना प्रारंभ किया ! उनकी वक्तृत्व शैली व् व्याख्या करने के ढंग ने लोगो को अतिशय प्रभावित किया ! जोधपुर के तत्व निष्ठ सुश्रावक श्री जबरमलजी भंडारी ने कहा इनकी व्याख्यान शैली से लगता है ये आगे जाकर महान संत बनेगे !
- नगर संवाददाता . उदयपुरजैन समाज में तप-तपस्या का समय चातुर्मास शुरू होने वाला है। साधु-संत चार माह तक एक जगह विराजित रहकर ज्ञान वर्षा करेंगे, वहीं घरों से उपासरों तक तप, तपस्या, धर्म आराधना और प्रवचन सुनने का दौर शुरू हो जाएगा। इन दिनों साधु-संतों के चातुर्मासिक मंगल प्रवेश का दौर चल रहा है। जैन समाज के कुछ भागों में चातुर्मास 21-22 जुलाई को शुरू होंगे, वहीं आयोजनों को भव्य रूप देने के लिए आयोजन समितियां तैयारियों में जुटी हुई है।
- इसी वर्ष आचार्य श्री तुलसी का चातुर्मास जोधपुर था ! चातुर्मासिक प्रवेश 7 जुलाई को हुआ ! आचार्यवर ने उन्हें ( महाश्रमण ) प्रात : उपदेश देने का निर्देश दिया ! 8 जुलाई से मुनि मुदित कुमारजी ( महाश्रमण ) उपदेश देना प्रारंभ किया ! उनकी वक्तृत्व शैली व् व्याख्या करने के ढंग ने लोगो को अतिशय प्रभावित किया ! जोधपुर के तत्व निष्ठ सुश्रावक श्री जबरमलजी भंडारी ने कहा इनकी व्याख्यान शैली से लगता है ये आगे जाकर महान संत बनेगे ! 1985 के आमेट चातुर्मास में भगवती सूत्र के टिपण लेख में भी सहयोगी बने !
- इसी वर्ष आचार्य श्री तुलसी का चातुर्मास जोधपुर था ! चातुर्मासिक प्रवेश 7 जुलाई को हुआ ! आचार्यवर ने उन्हें ( महाश्रमण ) प्रात : उपदेश देने का निर्देश दिया ! 8 जुलाई से मुनि मुदित कुमारजी ( महाश्रमण ) उपदेश देना प्रारंभ किया ! उनकी वक्तृत्व शैली व् व्याख्या करने के ढंग ने लोगो को अतिशय प्रभावित किया ! जोधपुर के तत्व निष्ठ सुश्रावक श्री जबरमलजी भंडारी ने कहा इनकी व्याख्यान शैली से लगता है ये आगे जाकर महान संत बनेगे ! 1985 के आमेट चातुर्मास में भगवती सूत्र के टिपण लेख में भी सहयोगी बने !