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चोखामेला का अर्थ

चोखामेला अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. कबीर , रविदास, नामदेव, तुकाराम, चोखामेला, सोयराबाई आदि संत कवियों ने भी दलितों, शोषितों पीड़ितों के लिए पदों की रचनाएं कर दलित जीवन की त्रासदी को रेखांकित किया है।
  2. चोखामेला नित्य विठोबा के दर्शन करने पंढरपुर आते और मन्दिर की साफ-सफाई करते . यद्यपि , महार होने के कारण मन्दिर में प्रवेश की उन्हें इजाजत नहीं थी .
  3. इन संतों में प्रमुख है-संत नामदेव , सावता माली , संत चोखामेला , गोरा कुम्हार , संत गाडगे बाबा , कबीर , नानक , नानक , पेरियार , रैदास आदि।
  4. चोखामेला महार , रैदास चमार , सदन कसाई आदि बहुत नीच जाति के कहे जाते थे , पर वे सच्ची प्यास लगने से सत्संग द्वारा ज्ञानरूपी जल को पीकर कृतार्थ हो गये।
  5. इस तरह सिद्ध-नाथपंथियों की सृजनात्मक ऊर्जा से जो नई सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना विकसित हुई , वह लंबे विकास-क्रम के दौरान मध्ययुग में दलित संतों कबीर, रैदास और चोखामेला आदि संतों के पास पहुंचकर क्रांतिकारी सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना में तब्दील हो गई।
  6. शूद्रों और अति-शूद्रों के साथ हिन्दू नारी भी पूछने लगी कि उसके साथ अछूत-सा बर्ताव क्यों ? नामदेव , जो दर्जी समाज के थे और जिनकी सामाजिक स्थिति शूद्रों में थी , चोखामेला को बहुत चाहते थे .
  7. शूद्रों और अति-शूद्रों के साथ हिन्दू नारी भी पूछने लगी कि उसके साथ अछूत-सा बर्ताव क्यों ? नामदेव , जो दर्जी समाज के थे और जिनकी सामाजिक स्थिति शूद्रों में थी , चोखामेला को बहुत चाहते थे .
  8. नामदेव तुरंत घटना स्थल पहुंचे और चोखामेला का दाह-संस्कार किया . बाद में उनकी अस्थियों को पंढरपुर लाया गया . उनकी अगाध विठ्ठल-भक्ति और मन्दिर की अटूट सेवा को देखते हुए पंढरपुर के विठ्ठल-मन्दिर के ठीक सामने उनकी समाधि बनायीं गयी और अस्थियों को सदा-सदा के लिए वहां रख दिया गया .
  9. दलित नेता अम्बेडकर के अनुसार हिंदुत्व हिंदुओं के लिए हे तो वह दलित और सवर्ण दोनों के लिए हे | हिंदुत्व के विकास में ऋषि व्वाल्मीकि , रविदास, चोखामेला आदि संतो का भी योगदान रहा हे | अम्बेडकर के अनुसार कोई भी देवता दलितो के कारन भ्रष्ट नहीं होता हे,अछूतो के लिए अलग से मंदिर की कोई आवश्यकता नहीं हे [1]
  10. दलित नेता अम्बेडकर के अनुसार हिंदुत्व हिंदुओं के लिए हे तो वह दलित और सवर्ण दोनों के लिए हे | हिंदुत्व के विकास में ऋषि व्वाल्मीकि , रविदास , चोखामेला आदि संतो का भी योगदान रहा हे | अम्बेडकर के अनुसार कोई भी देवता दलितो के कारन भ्रष्ट नहीं होता हे , अछूतो के लिए अलग से मंदिर की कोई आवश्यकता नहीं हे [ 1 ]
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