छांदोग्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छांदोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- आरुणि के अध्यात्म विचारों का विस्तृत विवेचन छांदोग्य तथा बृहदारण्यक उपनिषदों में बड़े रोचक ढंग से किया गया है।
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छांदोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छांदोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- उषस्ति चाक्रायण ( छांदोग्य, प्रथम प्रपाठक, खंड 10-11) का आख्यान अन्न के सामूहिक प्रभाव तथा गौरव की कमनीय कथा है।
- उषस्ति चाक्रायण ( छांदोग्य, प्रथम प्रपाठक, खंड 10-11) का आख्यान अन्न के सामूहिक प्रभाव तथा गौरव की कमनीय कथा है।
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छान्दोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- उन्होंने छांदोग्य , उपनिषद, कठोपनिषद आदि का हवाला देते हुए कहा कि देवता और दानवों की मध्य की कड़ी मानव है।
- ( छांदोग्य उपनिषद ) सूर्य , पर्जन्य , पृथ्वी , पुरुष और योषित् नामक अग्नि के पाँच रूप 3 .
- सत्यकाम जाबाल , महर्षि गौतम के शिष्य थे जिनकी माता जबाला थीं और जिनकी कथा छांदोग्य उपनिषद् में दी गई है।