जगमगाना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दिवाली चूँकि थोकबंद खुशियों का पारम्परिक त्योहार है , इन्हें अपनी हर वक्त तनी-तनी रहने वालीं चेहरे की मास-पेशियों को ढीला छोड़कर , जबरन पाँच सौ वाट के बल्ब सा जगमगाना पडे़गा।
- लेकिन कोई गाली दे और क्षमा करना है , तो बहुत सावधान होना पड़ेगा ; बहुत जागरूक होना पड़ेगा ; बहुत चित्त को ऊंचाई पर उठाना पड़ेगा , भीतर की ज्योति को खूब जगमगाना पड़ेगा।
- भोर की लालिमा कुछ शीतलता ढेर सा उल्लास चिड़ियों का चहचहाना कौओं का श्रंखला बद्ध उड़ना समुद्र का सुनहरा होना पहाड़ों का जगमगाना सूरज के साथ अपने टूटे रिश्ते को जोड़ मैं इन सब के बीच फिर जगमगा उठी . .. ३.४.२०१२
- ” तू खुर्शीद है बादलों में न छुप तू महताब है जगमगाना न छोड़ तू शोखी है शोखी , रियायत न कर तू बिजली है बिजली , जलाना न छोड़ अभी इश्क ने हार मानी नहीं अभी इश्क को आजमाना न छोड़
- तू खुर्शीद है बादलों में न छुप तू महताब है जगमगाना न छोड़ तू शोखी है , शोखी रियायत न कर तू बिजली है बिजली जलाना न छोड़ अभी इश्क ने हार मानी नहीं अभी इश्क को आजमाना न छोड़ प्रेम हारता ही नहीं।
- गोल चक्कर के फव्वारे का रौशनी से नहाना , सड़क की बत्तियों का दिन मुंदते जगमगाना , साइकिल वाले का घंटी बजाना , ट्रैफिक का शोर मचाना , सिग्नल का हरा , पीला और लाल होना , बूढे आदमी का - बच्चे का हाथ पकड़ना और सड़क पार करना ..
- बुझा हुआ मशाल जला दो आग की ज्वाला बढ़ा दो देश राग गुनगुनाकर एक नवीन ज्योत जला दो राग दीपक फिर है सुनना ताप में फिर से है जलना प्रलय आंधी भेद कर फिर- से है तम को जगमगाना नेह-दीपक तुम गिराओ मन शहीदी को जगाओ ललकार जागा हर तरफ से विद्रोह पताका . ..
- हमें अब जगमगाना आ गया है चरागे़ दिल जलाना आ गया है मेरी खामोशियां भी बोलती हैं उन्हें भी गुनगुनाना आ गया है मैं जब चाहूंगी पिंजरा ले उड़ूंगी परों को आज़माना आ गया है ये मेरी जुर्रते परवाज देखो उफ़क़ के पार जाना आ गया है क़यामत या बाला समझो के आफत शबा . ..
- हमें अब जगमगाना आ गया है चरागे़ दिल जलाना आ गया है मेरी खामोशियां भी बोलती हैं उन्हें भी गुनगुनाना आ गया है मैं जब चाहूंगी पिंजरा ले उड़ूंगी परों को आज़माना आ गया है ये मेरी जुर्रते परवाज देखो उफ़क़ के पार जाना आ गया है क़यामत या बाला समझो के आफत शबा
- है कामना… हो आपके , हर दिन नई दीपावली ! छोड़ो उदासी खिन्नता , हंसना -हंसाना सीखलो ! कुछ मुस्कुराना सीखलो , ग़म को भुलाना सीखलो ! सरगम बजे है सांस की ; तुम गुनगुनाना सीखलो ! कहते दिवाली के दिये अब जगमगाना सीखलो ! सब भाग्य पर निर्भर ; विषमता से भरा संसार है !