जड़िया का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सीएस ब्रांच में 79 . 25 अंक के साथ शैलेन्द्र अहिरवार एवं वैशाली जड़िया प्रथम स्थान , द्वितीय स्थान पर प्रदीप सोनी 78.4 के साथ एवं तृतीय स्थान पर सुगम बिरला 75.8 अंक हासिल कर सफलता प्राप्त की।
- कविता जड़िया ने पांचवी में पहली कविता लिखी . फिर दसवीं में म.प्र.के गोविंदगढ़ में आयोजित एक कविता रचना शिविर में हिस्सा लिया जिसमें भगवत रावत,बद्रीनारायण,डा.सत्यप्रकाश मिश्र.प्रो.कमला प्रसाद आदि मार्गदर्शक की भूमिका में थे.कविता की कविताएँ तब से रुक-रुककर...
- कविता जड़िया ने पांचवी में पहली कविता लिखी . फिर दसवीं में म.प्र.के गोविंदगढ़ में आयोजित एक कविता रचना शिविर में हिस्सा लिया जिसमें भगवत रावत,बद्रीनारायण,डा.सत्यप्रकाश मिश्र.प्रो.कमला प्रसाद आदि मार्गदर्शक की भूमिका में थे.कविता की कविताएँ तब से रुक-रुककर
- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में यूं तो चंद्रसेन विराट , रामेंद्र तिवारी, शिव ओम अंबर सहित एके जड़िया जैसे पहली पीढ़ी के कवि थे तो दूसरी पीढ़ी के वरिष्ठ कवि आसकरन अटल, कुंवर जावेद, मनवीर मधुर, अनिल चौबे भी।
- छतरपुर से आए वरिष्ठ कवि एके जड़िया ने प्रेम गीत-मन करता फिर एक बार अधरों पर गीत लिखूं / पर जब कोई कोरा अधर मिले तब गीत लिखूं-सुनाकर प्रेम की आतरिक भावना व सौंदर्य के आधुनिक स्वरूप पर विवशता व्यक्त की।
- छतरपुर से आए वरिष्ठ कवि एके जड़िया ने प्रेम गीत-मन करता फिर एक बार अधरों पर गीत लिखूं / पर जब कोई कोरा अधर मिले तब गीत लिखूं-सुनाकर प्रेम की आतरिक भावना व सौंदर्य के आधुनिक स्वरूप पर विवशता व्यक्त की।
- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में यूं तो चंद्रसेन विराट , रामेंद्र तिवारी , शिव ओम अंबर सहित एके जड़िया जैसे पहली पीढ़ी के कवि थे तो दूसरी पीढ़ी के वरिष्ठ कवि आसकरन अटल , कुंवर जावेद , मनवीर मधुर , अनिल चौबे भी।
- कविता जड़िया ने पांचवी में पहली कविता लिखी . फिर दसवीं में म.प ् र.क े गोविंदगढ़ में आयोजित एक कविता रचना शिविर में हिस्सा लिया जिसमें भगवत रावत , बद्रीनारायण , डा . सत्यप्रकाश मिश् र.प ्रो . कमला प्रसाद आदि मार्गदर्शक की भूमिका में थे .
- साहित्य भूषण सम्मान एक लाख रुपये पुरस्कार राशि वाले साहित्य भूषण सम्मान डा . एन.ई. विश्वनाथ अय्यर, डा. परमानंद जड़िया, राम प्रवेश शास्त्री, डा. रामाश्रय सविता, डा. प्रताप नारायण टंडन, कैलाश चंद्र पंत, डा. नित्यानंद तिवारी, नरेश सक्सेना, डा. राम शिरोमणि 'होरिल', व डा. श्योराज सिंह बेचैन को दिया गया है।
- संस्कृत कोशानुसार “सारंग ' शब्द ”चातक, हरिण, हाथी, चितकबरा, रवि, श्वेत पंखवाला पक्षी, हंस निस्पृह, विष्णु, शरीर, अग्नि, गाय का बछड़ा, वर्ष, पुत्र, देवता, इत्यादि अर्थों से संश्लिष्ट कहा गया है और जिसे ब्रजभाषा के लोकप्रिय कवि- “और सब गढ़िया' नंददास जड़िया' ने अपने कोशग्रंथ ”अनेकार्थ मंजरी' में इस भाँति भाषारूप दिया है :