जरायमपेशा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पुलिस सूत्रों ने बताया कि सिवनी में लचर पुलिस तंत्र के चलते सिवनी को आतंकी , नक्सली और जरायमपेशा लोगों ने अपनी ऐशगाह और शरण स्थली के रूप में विकसित कर लिया है।
- औपनिवेशिक शासन ने उन्हें ' जरायमपेशा ' जाति घोषित कर न केवल तथाकथित ' सभ्य समाज ' के नजरों में उपेक्षा और घृणा का पात्र ही नहीं बल्कि पुलिस अत्याचार का नरमचारा भी बना दिया।
- औपनिवेशिक शासन ने उन्हें ' जरायमपेशा ' जाति घोषित कर न केवल तथाकथित ' सभ्य समाज ' के नजरों में उपेक्षा और घृणा का पात्र ही नहीं बल्कि पुलिस अत्याचार का नरमचारा भी बना दिया।
- उन्होंने जनता और जरायमपेशा औरतों के बीच की सरल रेखा को काटकर स्वस्तिक चिह्न बना लिया है और हवा में एक चमकदार गोल शब्द फेंक दिया है- ' जनतंत्र ' और हर बार वह भेड़ियों की जबान पर जिंदा है।
- ख़ैर , जब समाज और सरकार के स्तर पर जरायमपेशा लोगों के पुनर्वास की योजना नहीं बनायी जाएगी और उसके पीछे ईमानदारी होगी तब तक पुलिस और तथाकथित दबंग उनकी हत्याओं को ही सबसे आसान तरीक़ा मानकर हत्यओं में संलग्न रहेंगे।
- ख़ैर , जब समाज और सरकार के स्तर पर जरायमपेशा लोगों के पुनर्वास की योजना नहीं बनायी जाएगी और उसके पीछे ईमानदारी होगी तब तक पुलिस और तथाकथित दबंग उनकी हत्याओं को ही सबसे आसान तरीक़ा मानकर हत्यओं में संलग्न रहेंगे।
- पांचवें और छठे दशक में ही देव आनंद के सिनेमा पर दूसरे विश्वयुद्ध के समय में अमेरिका में पनपे नोए सिनेमा का प्रभाव रहा और खलनायक भी जरायमपेशा अपराधी रहे हैं , जो महानगरों के अनियोजित विकास की कोख से जन्मे थे।
- सिविल सोसायटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने सरकार की मुखालफत की तो सरकार ने उन पर तत्काल शिकंजा कस दिया किन्तु एक जरायमपेशा व्यक्तित्व पर पचास हजार करोड़ का आयकर कैसे बाकी रह गया यह यक्ष प्रश्न आज भी अनुत्तरित ही है।
- दैहिक विमर्श की रेत दैहिक विमर्श की रेत ================================================================================ admin on 04 / 07/2008 02:47:00 चरित्रों की भीड़...दर्जनों आख्यान एक-दूसरे में गुंफित...और कथा की जमीन वह इंसानी जाति जिसे अंग्रेज़ों ने 'जरायमपेशा' करार दिया था - ये सब मिल कर बनाते हैं एक नया मुहावरा।
- तहलका हिन्दी : दैहिक विमर्श की रेत दैहिक विमर्श की रेत ================================================================================ admin on 04/07/08 03:47:00 चरित्रों की भीड़...दर्जनों आख्यान एक-दूसरे में गुंफित...और कथा की जमीन वह इंसानी जाति जिसे अंग्रेज़ों ने 'जरायमपेशा' करार दिया था - ये सब मिल कर बनाते हैं एक नया मुहावरा।