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डाब का अर्थ

डाब अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इस ग्रंथ मे उल्लेख है कि श्रीराम की सेना लंका के विजय अभियान पर चलते समय जब समुद्र तट पर पहुची तब विभीषण के परामर्श पर समुद्र तट पर डाब के आसान पर लेटकर भगवान राम ने समुद्र से मार्ग देने का आग्रह किया था।
  2. तथा इस ग्रंथ में उल्लेख है कि श्रीराम की सेना लंका के विजय अभियान पर चलते समय जब समुद्र तट पर पहुची तब विभीषण के परामर्श पर समुद्र तट पर डाब के आसान पर लेटकर भगवान राम ने समुद्र से मार्ग देने का आग्रह किया था।
  3. यही वजह है कि उन्होंने नेहरूजी को रोजाना एक डाब ( नारियल पानी) खाली पेट पीने की सलाह दी थी, तो ऐसे थे डॉ विधान चन्द्र राय, हम लोगों का इतना सौभाग्य है कि उनके घर के पिछवाड़े में कभी-कभी लुक्का-छिपी खेलने चले जाते थे, क्योंकि घर के बगल में मेरी फ्रैंड का घर था।
  4. यही वजह है कि उन्होंने नेहरूजी को रोजाना एक डाब ( नारियल पानी ) खाली पेट पीने की सलाह दी थी , तो ऐसे थे डॉ विधान चन्द्र राय , हम लोगों का इतना सौभाग्य है कि उनके घर के पिछवाड़े में कभी-कभी लुक्का-छिपी खेलने चले जाते थे , क्योंकि घर के बगल में मेरी फ्रैंड का घर था।
  5. तो जीवन में कभी आजीविका ढो भी रहे हों और साथ में सामजस्य बैठाकर मन पसंद रुचि का कार्य भी कर हो या आजीविका इसलिये ढो रहे हों कि शीघ्र ही रुचिकर कार्य करने योग्य हो जाऊँ , तब तो चलता है और यह निपट आवारापने से बेहतर ही होगा.अब डाब, सुराही का पानी- तो सपने की बातें सी लगती हैं.
  6. कुहासा में भीगी हुई सुबह घाट की युवतियां सब्जी का मोठ उठाया किसान धान और पुआल आँगन में मुर्गिओं की हलचल डाब का पानी खजूर का गुड़ अमरुद का पेड़ मासी की हाथ की गरम रोटियाँ माछ-भात पान चबाते दांत और . .......... नन्ही पिटकुली ' 2 की चुलबुली बातें ' 1 हमारी कुतिया ' 2 छोटे मामा की 5 वर्ष की बिटिया
  7. सूर्य ग्रहण को मद्देनजर रखते हुए लोगों ने भोजन आदि से निवृत होकर भजन संध्या में लग गए और कई कई जगह तो भजन संध्या आयोजित हुई तथा लोगों ने अपने घरों में खाने पीने की वस्तुओं तथा जल आदि पर डाब का प्रयोग किया कई बुर्जुगों ने सूतक के दौरान जल लेना तक भी उचित नहीं समझा जो लोग बीमार हैं केवल उन्होंने ही दवा इत्यादि का सेवन किया।
  8. ' अपने बारूइपुर वाले मित्र के यहाँ पोखर की मच्छी , पॉल्टरी के ताज़े अंडे और पेड़ों में लगे आम , अमरूद , जामुन डाब और सीने से तकिया लगा ताश खेल कर , तन-मन की सारी थकान और जकड़न दूर कर मोहित सरकार रविवार की रात ग्यारह बजे जब अपने घर लौटा तो अपने नौकर विपिन से उसे खबर मिली कि उस दिन शाम को जो सज्जन आए थे - वे आज सुबह भी घर आए थे।
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