तत्व-ज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पूर्ण मानवता आ जाने पर ही भक्त को भगवान् , जिज्ञासु को तत्व-ज्ञान , योगी को योग , और भौतिकवादी को विश्व-प्रेम स्वत : प्राप्त हो जाता है ।
- ८ = प्राप्त तत्व-ज्ञान का भी मूल भाव-अमृत -व्यक्ति व ज्ञानी को उसके तप , श्रद्धा , स्नेह , व्यवहार व ईश्वर कृपा से ही प्राप्त होता है | ...
- मेरे जन्म ( अवतार) और कर्म (लीला) दिव्य अर्थात् अलौकिक हैं-जो इस रहस्य का तत्व-ज्ञान प्राप्त कर लेता है, वह देह त्यागने के बाद पुनर्जन्म नहीं लेता बल्कि मुझ (भगवान्) में लीन हो जाता है।
- कामनाओं की पूर्ति कर्म अर्थात् संगठन से होती है और कामनाओं की निवृति यथार्थ ज्ञान अर्थात् तत्व-ज्ञान से होती है , क्योंकि कामनाओं की उत्पत्ति का मूल कारण अज्ञान अर्थात् ज्ञान की कमी है ।
- अब उन्हें केवल अंग्रेजी विद्या के भंडार , तत्व-ज्ञान के आधार , और ब्रह्म-समाज के मंगल के अवतार के ही रूप में देखना काफी न रहा-वह मनुष्य भी है यही परिचय सबसे निकटतम परिचय हो गया।
- अब उन्हें केवल अंग्रेजी विद्या के भंडार , तत्व-ज्ञान के आधार , और ब्रह्म-समाज के मंगल के अवतार के ही रूप में देखना काफी न रहा-वह मनुष्य भी है यही परिचय सबसे निकटतम परिचय हो गया।
- तत्व-ज्ञान के लेशमात्र का उदय होने से जीवन में जो बहुमूल्य सिद्धि प्राप्त होती है , वह तपस्या , तीर्थ , जप दान अथवा अन्तःकरण- शुद्धि के और किसी भी साधन से पूर्णतया नहीं हो सकती ।
- भावार्थ : यज्ञों के उस ज्ञान को तू गुरू के पास जाकर समझने का प्रयत्न कर , उनके प्रति पूर्ण-रूप से शरणागत होकर सेवा करके विनीत-भाव से जिज्ञासा करने पर वे तत्वदर्शी ब्रह्म-ज्ञानी महात्मा तुझे उस तत्व-ज्ञान का उपदेश करेंगे।
- आस्तिक यदि अन्धविश्वास से मुक्त हो ' तत्व-ज्ञान ' के आधार पर आस्तिकता को बढ़ाएँ तो अति उत्तम धर्य से कर्मयोग का अनुसरण कर सकता है , जो जीवन के सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य परमानन्द ओर पूर्ण शान्ति का आधार है .
- आस्तिक यदि अन्धविश्वास से मुक्त हो ' तत्व-ज्ञान ' के आधार पर आस्तिकता को बढ़ाएँ तो अति उत्तम धर्य से कर्मयोग का अनुसरण कर सकता है , जो जीवन के सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य परमानन्द ओर पूर्ण शान्ति का आधार है .