तद्धित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- २ . तद्धित प्रत्यय : - वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा ,सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़ कर अर्थ में परिवर्तन ला देते है ,
- २ . तद्धित प्रत्यय : - वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा ,सर्वनाम या विशेषण के साथ जुड़ कर अर्थ में परिवर्तन ला देते है ,
- अष्टाध्यायी के आठ अध्यायों में संज्ञा ( सुबन्त), क्रिया (तिं अत), समास, कारक, सन्धि, कृत् और तद्धित प्रत्यय, स्वर-ध्वनि-विकार और पद का विवेचन किया गयाहै.
- इसमें सन्धि , सुबन्त , कृदन्त , उणादि , आख्यात , निपात , उपसंख्यान , स्वरविधि , शिक्षा और तद्धित आदि विषयों का विचार है ।
- कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय में अंतर कृत प्रत्यय- जो प्रत्यय धातु या क्रिया के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाते हैं कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
- अध्याय 18 कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय में अंतर कृत प्रत्यय- जो प्रत्यय धातु या क्रिया के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाते हैं कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
- व्याकरणवेत्ता प्रत्ययों को पांच वर्गों में बांटते हैं : तिङन्त तथा कृदन्त क्रियाधातुओं के लिए और सुबन्त , तद्धित एवं स्त्रीप्रत्यय संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण शब्दों के लिए ।
- व्याकरणवेत्ता प्रत्ययों को पांच वर्गों में बांटते हैं : तिङन्त तथा कृदन्त क्रियाधातुओं के लिए और सुबन्त , तद्धित एवं स्त्रीप्रत्यय संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण शब्दों के लिए ।
- इसका समाधान यदि यह करें कि जिस तरह कई तद्धित प्रत्यय खास ‘ अन्त ' वाले या खास शब्दों के साथ विहित हैं , उसी प्रकार ये लिंग-प्रत्यय खास लिंग के साथ विहित हैं।
- व्याकरण की दृष्टि से नामघटकों का रुप संज्ञा अ क्रिया / कृदति- तद्धित एवं सोपसर्ग तथा ध्वन्यात्मक दृष्टि से आदि , अंत में घोष- अघोष तथा हस्व- दीर्घ आदि का विधान पाया जाता है।