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तनकीद का अर्थ

तनकीद अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इन सब बातों के बीच फिलवक्त मन की बैचेनी दूसरी दिशा मे जा रही है किसी भी तरह से एक दशक से बनी हुई यथास्थिति को तोडने की जुगत दिल मे पल भी रही है और साथ जल भी रही है लेकिन मंजिल का पता रहबर से कैसे पता चले जब रहजन ही तनकीद मे माहिर मे हो . .
  2. पाँव से रौंद के औराक़े-सियासत उसने हक़्क़ो-इन्साफ़ को दी थी आवाज़ मस्नादो-कुर्सियो-मंसब की उसे भूक न थी इन्तेहा दर्जे का ख़ुददार था वो जुम्बिशे-नोके-क़लम से उसने उहदे तिफली में की ' आतिश ' पे करम की बारिश उसकी तहरीर ने अश ' आर को मानी बख्शे उसकी तखलीक में था सोजो-गुदाज़ उस से तनकीद ने पाया एजाज़ हंसके वो झेल गया जुल्मो-सितम की बारि श.
  3. सूरह नूर २ ४ - १ ८ वाँ पारा आयत ( ५ ३ - ५ ४ ) मुहम्मद अपने जाल में फँसे हुए किसी मुसलमान पर इशारतन तनकीद कर रहे हैं जो कि उनका हर उल्टा सीधा कहना नहीं मानता , धमका रहे हैं कि “ अल्लाह तुम्हारे ईमान की पूरी खबर रखता है ” गोया अल्लाह निजाम कायनात को कुछ दिन के लिए मुल्तवी करके मुहम्मद की मुखबरी कर राह है .
  4. इधर मैने उन तब्सरों और तनकीद की रोशनी में-जो पसे पर्दा चलते हैं यह भी तलाश करने की कोशिश की कि कुछ न कुछ आलोच्य हममे होता ही है या लोग यूँ ही कहते हैं - तो पाया कि दोनो ही बातें कमोबेश सच हैं - एक ही रंग ज़िन्दगी में तस्कीन नहीं देता इसलिये ग़ज़ल के साथ हजल भी कह ली जाय , खमोशी रास नहीं आती - शायद कोई मुस्करा ही दे - मयंक
  5. इन सब बातों के बीच फिलवक्त मन की बैचेनी दूसरी दिशा मे जा रही है किसी भी तरह से एक दशक से बनी हुई यथास्थिति को तोडने की जुगत दिल मे पल भी रही है और साथ जल भी रही है लेकिन मंजिल का पता रहबर से कैसे पता चले जब रहजन ही तनकीद मे माहिर मे हो . .! ऐसी आधी-अधूरी मन:स्थिति मे ही दिन गुजर जाता है पिछले एक हफ्ते से तबीयत भी नासाज़ रही है सो उसका भी असर है दिल बोझिल और मन थका-थका सा रहता है।
  6. नई दिल्ली- ! -साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं उर्दू के मशहूर आलोचक डॉ. गोपीचंद नारंग को कुसुमाजंलि साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एक अगस्त को राजधानी में एक समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार के तहत उन्हें ढाई लाख रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र तथा प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान कुसुमांजलि फाउंडेशन की ओर से डा. नारंग को उनकी पुस्तक फिक्शन थ्योरी तसकील व तनकीद पर दिया जाएगा। डॉ. नारंग को पद्म भूषण तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार मिल चुका है। वे अकादमी के फेलो भी रह चुके हैं।
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