तरनि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सुखल सर सरसिज भेल झाल तरुण तरनि तरु न रहल हाल देखि दरनि दरसाव पताल . ........ विद्यापति के इस पद में अकाल का वर्णन है।
- सुखल सर सरसिज भेल झाल तरुण तरनि तरु न रहल हाल देखि दरनि दरसाव पता ल . ........ विद्यापति के इस पद में अकाल का वर्णन है।
- दोनों ध्रुव छोरन लौं पल में पिघल कर घूम घूम धारनी धुरी सी बढ़ जाएगी झारेंगे अंगारे ये तरनि तारे तारापति जारैंगे खमंडल में आग मढ़ जाएगी।
- फूलत कुमुद से मयंक से निरखि नख; पंकज से खिलै लखि तरवा तरनि को मानिए करींद्र जो हरींद्र को सरोष हरै , मानिए तिमिर घेरै भानु किरनन को।
- जो चित करि अवराधा॥संग खेलत दोउ झगरन लागे सोभा बढ़ी अगाधा॥मनहुं तडि़त घन इंदु तरनि ह्वै बाल करत रस साधा॥निरखत बिधि भ्रमि भूलि पर्यौ तब मन मन करत
- इसी तरह 10 ) ‘ माँ कह एक कहानी राजा था या रानी ' 11 ) तरनि तार दो अपर पार को ' 12 ) लहरों की ताल पर झूम उठी ज़िंदगी , माझी का यही पतवार रे , कई गीत कुछ उनके स्वयं के लिखे होते तो कुछ प्रसिद्ध कवियों के होते थे .
- यह सुनि कुंवरि हरष मन कीन्हों मिटि गई अंतरबाधा॥जननी निरखि चकित रहि ठाढ़ी दंपति रूप अगाधा॥देखति भाव दुहुंनि को सोई जो चित करि अवराधा॥संग खेलत दोउ झगरन लागे सोभा बढ़ी अगाधा॥मनहुं तडि़त घन इंदु तरनि ह्वै बाल करत रस साधा॥निरखत बिधि भ्रमि भूलि पर्यौ तब मन मन करत समाधा॥सूरदास प्रभु और रच्यो बिधि सोच भयो तन दाधा॥ अर्थ . ....
- अब जरा समान लगने वाले वर्ण , अनुस्वर व मात्राओं के हेर - फेर वाले कुछ और शब्दों पर भी ध्यान दें - सुत - सूत , कल - कलि - कली , अंश - अंस , सुरभि - सुरभी , अशित - असित , चिता - चीता , कुच - कूच , सुधि - सुधी , शिरा - सिरा , चिर - चीर , कहा - कहाँ , लिखे - लिखें , गई - गईं , तन - तना - तान - ताना , तरनि - तरनी , मास - मांस , रवि -
- अब जरा समान लगने वाले वर्ण , अनुस्वर व मात्राओं के हेर - फेर वाले कुछ और शब्दों पर भी ध्यान दें - सुत - सूत , कल - कलि - कली , अंश - अंस , सुरभि - सुरभी , अशित - असित , चिता - चीता , कुच - कूच , सुधि - सुधी , शिरा - सिरा , चिर - चीर , कहा - कहाँ , लिखे - लिखें , गई - गईं , तन - तना - तान - ताना , तरनि - तरनी , मास - मांस , रवि -