तात का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अवाप्यसि ध्रुवं तात शाश्वतं पदमव्ययम् ॥ ३ ५ ॥
- आत्मकथ्य - सुनहुँ तात यह अमर कहानी
- - हे तात ! वही परम वैरागी है ।
- मैं जन्मदाता हूँ सभी मुझसे प्रवर्तित तात हैं .
- आपु जनी जगमात कियो पति तात सुतासुत
- कभी किसान जगत का तात हुआ करता था ।
- हे तात ! मेरा वचन सत्य है।
- कवन सम्पदा कवन तात कब तो बिन पाई ।
- बहना के भ्रात , नव पराग के तात
- कलि कौतुक तात न जात कही ।।