×

तिरछी चितवन का अर्थ

तिरछी चितवन अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. लेकिन शुक्ल जी के आदर्श रामराज्य के निर्माता श्रीराम की बांकी अदा , तिरछी चितवन , उनके द्वारा सीता की नीबी खोलने की बरजोरी , उनकी रस लंपटता , झाऊ के झुरमुट में उनके द्वारा स्वच्छंद परकीया-विहार आदि का चित्रण उनके मर्यादाशील मानस को भला नहीं लगता था ।
  2. लेकिन शुक्ल जी के आदर्श रामराज्य के निर्माता श्रीराम की बांकी अदा , तिरछी चितवन , उनके द्वारा सीता की नीबी खोलने की बरजोरी , उनकी रस लंपटता , झाऊ के झुरमुट में उनके द्वारा स्वच्छंद परकीया-विहार आदि का चित्रण उनके मर्यादाशील मानस को भला नहीं लगता था ।
  3. इधर आजकल अलबत्ता कुछ लोगों ने कृष्णभक्ति शाखा के अनुकरण पर उसमें भी ' माधुर्य भाव ' का गुह्य रहस्य घुसाने का उद्योग किया है जिससे ' सखी संप्रदाय ' निकल पड़े हैं और राम की भी ' तिरछी चितवन ' और ' बाँकी अदा ' के गीत गाए जाने लगे हैं।
  4. इधर आजकल अलबत्ता कुछ लोगों ने कृष्णभक्ति शाखा के अनुकरण पर उसमें भी ' माधुर्य भाव ' का गुह्य रहस्य घुसाने का उद्योग किया है जिससे ' सखी संप्रदाय ' निकल पड़े हैं और राम की भी ' तिरछी चितवन ' और ' बाँकी अदा ' के गीत गाए जाने लगे हैं।
  5. ये मेघ सुंदरियाँ अपने हाव-भाव से करती हैं समूचे वक्त को मंत्रमुग्ध लौटती हैं छोड़ बाण-विद्ध अपनी तिरछी चितवन से नाज भरी चाल से जिस धज से हैं पड़ते लौटते कदम इनके उस लुभावने अंदाज से हो चुका होता है मन हमारा बैचेन इतना तड़प उठते हैं हम मिलने को बार-बार बिछुड़ते ही इनसे हरबार
  6. हम लोगों में से जो कोई कभी उनकी इच्छा के प्रतिकूल कोई काम कर गुजरता था तो वह सबेरे की जून स् कूल खुलते ही साक्षात् रुद्र-मूर्ति अध् यापक महाशय की भौं चढ़ी तिरछी चितवन देखते ही चट भाँप लेता था कि देखें आज हम पर क् या भद्रा उतरे , ईश् वर ही कुशल करे।
  7. तिरछी चितवन , रूप-गर्व की मस्ती भरी हुई आंखें , दिल को मोह लेने वाली मुस्कराहट , चंचल वाणी , उनमें से कोई चीज यहॉँ न थी ! मगर जिस तरह चॉँद की मद्धिम सुहानी रोशनी में कभी-कभी फुहारें पड़ने लगती हैं , उसी तरह निश्छल प्रेम में उसके चेहरे पर एक मुस्कराहट कौंध जाती और आंखें नम हो जातीं।
  8. कृष्ण कभी उनका शरीर अपने हाथों से स्पर्श करते थे , कभी प्रेम भरी तिरछी चितवन से उनकी और देखते थे , कभी मस्त हो उनसे खुलकर हास विलास ‘ मजाक ' करते थे . जिस प्रकार बालक तन्मय होकर अपनी परछाई से खेलता हैं वैसे ही मस्त होकर कृष्ण ने उन ब्रज सुंदरियों के साथ रमण , काम क्रीरा ‘ विषय भोग ' किया .
  9. मुँह पर लटक आनेवाले बाल जिसकी तिरछी चितवन रोकते हैं , काजल की चिकनाई के बिना जो सूना है , और वियोग में मधुपान त् याग देने से जिसकी भौंहें अपनी चंचलता भूल चुकी हैं , ऐसा उस मृगनयनी का बायाँ नेत्र कुशल सन् देश लेकर तुम् हारे पहुँचने पर ऊपर की ओर फड़कता हुआ ऐसा प्रतीत होगा जैसे सरोवर में मछली के फड़फड़ाने से हिलता हुआ नील कमल शोभा पाता है।
  10. अधर कर रही अमृतपान सखे शितलता कि बौछार करती मंद मृदु मुस्काने छेरती कर उलझाये गेसू में कर रही मदपान सखे अधर कर रही अमृतपान सखे पलके झुका मधु पिलाती बज्म में इक मदहोशी लाती तिरछी चितवन करती घायल हो रही विषपान सखे अधर कर रही अमृतपान सखे शोख अदाएं संभल न पाए उमरती तरुनाई पे शरम न आये बरसाती बदन कि शोला कर रही बदनाम सखे अधर कर रही अमृतपान सखे
अधिक:   पिछला  आगे


PC संस्करण
English


Copyright © 2023 WordTech Co.