तिलक कामोद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जाए चुनरिया हमारी . ..-आशा भोसले -नौ दो ग्यारह -1959-पीलू (58).ठंडी ठंडी सावन की फुहार ...-आशा भोसले - जागते रहो -1956-तिलक कामोद ( 59).सखी कैसे धरूँ मैं धीर ..-लता - कवि कालिदास -1959- तिलक कामोद (60).सखी री सुन बोले पपीहा उस पार ..
- अडाना राग काफी राग आधारित होली गीत राग बिहागराग बागेश्रीराग तिलक कामोद राग कामोदराग कलावती राग मेघ मल्हारमियां की मल्हारराग गौड़ मल्हारकजरी गीतफिल्मों में राखी गीत सूफी संगीत ( एपिसोड ०१)सूफी संगीत (एपिसोड ०२)सूफी संगीत (एपिसोड ०३)सूफी संगीत (एपिसोड ०४)शुभ दीपावली शब्दों में संसार
- जोडी के दोनों रागो की पूरी जानकारी देते हुए दोनों रागो के लिए अलग-अलग बन्दिशे और फिल्मी गीत सुनवाए गए जैसे राग बहार पर आधारित गीत -छम छम नाचत आई बहारसामान्य जानकारी भी मिली की राग तिलक कामोद में लोकगीत बहुत होते है।
- मधुकर जी ने उल्लेख किया है कि राग तिलक कामोद की ठुमरी- ‘ कंकर मार जगा गयो रे बम्हना के छोरा . ... ' भैया जी की एक प्रिय ठुमरी है , जिसे उन्होने भैया जी के शिष्य पंडा जी से प्रत्यक्ष सुनी थी।
- अब आइये आपको सुनवाते हैं , राग तिलक कामोद पर आधारित उनके प्रारंभिक दौर का एक सुमधुर गीत , जो उनके जीवन का पहला हिट गीत- “ दिल जलता है तो जलने दे ” ( पहली नज़र ) के आने से कुछ महीने पहले का है।
- अडाना राग काफी राग आधारित होली गीत राग बिहागराग बागेश्रीराग तिलक कामोद राग कामोदराग कलावती राग मेघ मल्हारमियां की मल्हारराग गौड़ मल्हारकजरी गीतफिल्मों में राखी गीत सूफी संगीत ( एपिसोड ०१)सूफी संगीत (एपिसोड ०२)सूफी संगीत (एपिसोड ०३)सूफी संगीत (एपिसोड ०४)शुभ दीपावलीविशाल भारद्वाज प्रसून जोशी शब्दों में संसार
- शास्त्रीय संगीत में प्रचलित प्रसिद्ध राग तोडी , भैरव , मालकंस , कलावती , तिलक कामोद , मियां की मल्हार , बैरागी जयजयवंती , पिलू , शिवरंजनी , और भैरवी इन ग्यारह रागों पर आधारित फ़्युज़न संरचना उन्होने कंपोज़ की ये अलग सी इंस्टुमेंटल रिकोर् ड.
- शास्त्रीय संगीत में प्रचलित प्रसिद्ध राग तोडी , भैरव , मालकंस , कलावती , तिलक कामोद , मियां की मल्हार , बैरागी जयजयवंती , पिलू , शिवरंजनी , और भैरवी इन ग्यारह रागों पर आधारित फ़्युज़न संरचना उन्होने कंपोज़ की ये अलग सी इंस्टुमेंटल रिकोर् ड.
- सोमवार को पंडित बी वी पलोसकर का गायन सुना राग आसावरी , केदार, गौड़ सारंग, हमीर, मियाँ की मल्हार, मालकौंस, विभास में ख़्याल और राग तिलक कामोद में - कोयलिया बोले अमवा की डाल पर सुनकर वाकई आनन्द आ गया, मुझे तो बचपन की याद आ गई, मैनें बचपन में यह सीखा था।
- राग-अनुराग कार्यक्रम में रविवार को ऐसे फ़िल्मी गीत सुनवाए जिसमें राग तिलक कामोद की झलक है -संत ज्ञानेश्वर फ़िल्म का भजन - जय जय राम कृष्णहारिमेरे महबूब - जानेमन एक नज़र देख लेबेटी-बेटे - अगर तेरी जलवा नुमाई न होती , ख़ुदा की कसम ये ख़ुदाई न होती8 बजे का समय है हवामहल कार्यक्रम का।