तोतापरी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आम की प्रजातियाँ भी अनेक प्रकार की होती हैं जिनमें से प्रमुख हैं - हापुस या अलफांजो , नीलम , सुन्दरी , तोतापरी , लंगड़ा , दसहरी , चौसा आदि।
- पापा मुस्कुराकर कह देते हैं , ठीक है , दोनों ले आऊँगा , फिर खुद ही कहते हैं यार ये तोतापरी में तो अब कीड़े लगना शुरू हो जाते हैं।
- में ग्राम रामपुर कला , परगना सबलगढ़ , जिला मुरैना ( मध्यप्रदेश ) में जन्मे आााद रामपुरी की भी एक बाल-कविता अवलोकनीय है- लंगड़ा तोतापरी कठौआ खुशियों भरे दशहरी आम।
- ‘‘ तोतापरी 160 रूपए , बैंगनफली 200 रूपए , दशहरी 240 रूपए , कितने किलो तौल दूं ? अरे भाई , इतने महंगे , मैंने तो सोचा कि 50 - 60 रूपए किलो होंगे।
- ज़्यादातर आदमी जब मेरी छातियों की तरफ देखते हैं तो उनकी आँखों में रसगुल्ला , फद्फदाते हुए कबूतर , तोतापरी आम और जाने ऐसी ही कितनी उपमाएं चली आती हैं जो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता , तुम्हारा मुस्कुराना मुझे अच्छा लगा अब मै यंहा अपने चेहरे से ये चश्मा उतार सकती हूँ .
- ज़्यादातर आदमी जब मेरी छातियों की तरफ देखते हैं तो उनकी आँखों में रसगुल्ला , फद्फदाते हुए कबूतर , तोतापरी आम और जाने ऐसी ही कितनी उपमाएं चली आती हैं जो मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता , तुम्हारा मुस्कुराना मुझे अच्छा लगा अब मै यंहा अपने चेहरे से ये चश्मा उतार सकती हूँ .
- उत्तरी भारत : लंगड़ा , चौसा , दशहरी , बाम्बे , ग्रीन फजली , केसर , तोतापरी , नीलम पूर्वी भारत : हिम सागर , लंगड़ा , गुलाब , खास फजली पश्चिम भारत : अलकास्ते , पैरी , राजापुरी , जमादार , गोवा दक्षिणी भारत : नीलम , बंगलोरी , रोमानी , स्वर्ण रेखा , बेगमपल्ली , बादाम-रसपुरी , मलगोवा , हापूस , रत्नागिरी .
- उत्तरी भारत : लंगड़ा , चौसा , दशहरी , बाम्बे , ग्रीन फजली , केसर , तोतापरी , नीलम पूर्वी भारत : हिम सागर , लंगड़ा , गुलाब , खास फजली पश्चिम भारत : अलकास्ते , पैरी , राजापुरी , जमादार , गोवा दक्षिणी भारत : नीलम , बंगलोरी , रोमानी , स्वर्ण रेखा , बेगमपल्ली , बादाम-रसपुरी , मलगोवा , हापूस , रत्नागिरी .
- इस बार तो बमुश्कि ल एक दर्जन भी किस्में नहीं आयीं , जबकि यहां पर के राजकीय उद्यान में 51 किस्मों से परिपूर्ण आम के इकलौते पेड़ में तीन दर्जन से अधिक तरह-तरह के रंग-बिरंगे, छोटे-बड़े आकार के आम फले हैं जिनमें प्रमुख रूप से दशहरी, जर्दआलू, खासुलखास, तोतापरी, हुस्नआरा, सुखीवर्मा, बाम्बेग्रीन, तम्बूरिया, बैंगन पल्ली, सहारनपुर की दशहरी, रामकेला, गुलाब जामुन, सफेदा, जौहरी सफेदा, बनारसी लंगड़ा, गुलाब फास आदि आम दृष्टिगोचर हो रहे हैं।