तोशा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैं इस पर तकिया लगाता हूँ और इससे अपनी बकरियों पर पत्ते झाड़ता हूँ और मेरे इसमें और काम हैं ( 19 ) { 18 } ( 19 ) जैसे कि तोशा और पानी उठाने और ख़तरनाक जानवर को दूर भगाने और दुश्मन से लड़ाई में काम लेने वग़ैरह .
- तो जो लोग तोशा ग्यारहवीं , मीलाद शरीफ़ , बुज़ुर्गों की फ़ातिहा , उर्स , शहादत की मजलिसों वग़ैरह की शीरीनी , सबील के शरबत को वर्जित कहते हैं , वो इस आयत का ख़िलाफ़ करके गुनाहगार होते हैं और इसको अवैध कहना अपनी राय को दीन में दाख़िल करना है और यही बिदअत और गुमराही है .
- और कुछ लोग हलाल चीज़ों को हराम ठहराने पर तुले हुए हैं , जैसे मीलाद की महफ़िल को , फ़ातिहा को , ग्यारहवीं को और ईसाले सवाब के दूसरे तरीक़ों को , कुछ मीलाद शरीफ़ और फ़ातिहा व तोशा की शीरीनी और तबर्रूक को , जो सब हलाल और पाक चीज़ें हैं , नाजायज़ और वर्जित बताते हैं .
- समारोह में महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल , अश्वनी कुमार , दलेर मेहँदी , मिंक बरार , अरविंदर सिंह , घुघी अशोक चोपरा , हार्ड कौर , तोशा , कपिल शर्मा , महा अक्षय चक्रबर्ती , तिया , सतिंदर सत्ती , बाबा सिद्दीकी , योगेश लखानी , राज सूरी और प्रशांत और नीता सहित अनेक लोग मौजूद थे।
- समारोह में महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल , अश्वनी कुमार , दलेर मेहँदी , मिंक बरार , अरविंदर सिंह , घुघी अशोक चोपरा , हार्ड कौर , तोशा , कपिल शर्मा , महा अक्षय चक्रबर्ती , तिया , सतिंदर सत्ती , बाबा सिद्दीकी , योगेश लखानी , राज सूरी और प्रशांत और नीता सहित अनेक लोग मौजूद थे।
- जिलौ ख़ाना , ख़लवत मुबारक , रंग महल , रोशन बंगला , अफ़ज़ल महल , आफ़ताब महल ,महताब महल , तहनियत महल , चांदनी बेगम की हवेली , मँझली बेगम की हवेली , बख़शी बेगम की हवेली , मोती बंगला , शादी ख़ाना , तोशा ख़ाना , पंच मुहल्ला , महल कल पैरां , राग माला , इस के इलावा भी कई इमारतें हैं ।
- जिलौ ख़ाना , ख़लवत मुबारक , रंग महल , रोशन बंगला , अफ़ज़ल महल , आफ़ताब महल ,महताब महल , तहनियत महल , चांदनी बेगम की हवेली , मँझली बेगम की हवेली , बख़शी बेगम की हवेली , मोती बंगला , शादी ख़ाना , तोशा ख़ाना , पंच मुहल्ला , महल कल पैरां , राग माला , इस के इलावा भी कई इमारतें हैं ।
- इससे मालूम हुआ कि सैंकड़ों भलाई के काम जैसे फ़ातिहा , ग्यारहवीं व तीजा व चालीसवाँ व उर्स व तोशा व ख़त्म व ज़िक्र की मेहफ़िलें , मीलाद व शहादत की मजलिसें जिनको बदमज़हब लोग बिदअत कहकर मना करते हैं और लोगों को इन नेकियों से रोकते हैं , ये सब दुरूस्त और अज्र और सवाब के कारण हैं और इनको बिदअते सैयिअह बताना ग़लत और बातिल है .
- ( 5 ) कुछ यमन के लोग हज के लिये बेसामानी के साथ रवाना होते थे और अपने आपको मुतवक्किल कहते थे और मक्कए मुकर्रमा पहुंचकर सवाल शुरू करते और कभी दूसरे का माल छीनते या अमानत में ख़यानत करते , उनके बारे में यह आयत उतरी और हुक्म हुआ कि तोशा लेकर चलो , औरों पर बोझ न डालों , सवाल न करो , कि बेहतर तोशा परहेज़गारी है .
- ( 5 ) कुछ यमन के लोग हज के लिये बेसामानी के साथ रवाना होते थे और अपने आपको मुतवक्किल कहते थे और मक्कए मुकर्रमा पहुंचकर सवाल शुरू करते और कभी दूसरे का माल छीनते या अमानत में ख़यानत करते , उनके बारे में यह आयत उतरी और हुक्म हुआ कि तोशा लेकर चलो , औरों पर बोझ न डालों , सवाल न करो , कि बेहतर तोशा परहेज़गारी है .