थाइमस का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिस प्रकार सेना के विभिन्न अंगों एवं दस्तों का प्रशिक्षण अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से होता है , इसी प्रकार उत्पादन के बाद कुछ लिम्फोसाइट्स का प्रारंभिक प्रशिक्षण, परिमार्जन एवं परिपक्वन तो अस्थिमज्जा में ही होता है एवं बाकी को थाइमस नामक ग्रंथि में भेज दिया जाता है।
- श्वास प्रणाली की सूजन कई कारणों से होती है जैसे- श्वांस प्रणाली की ऊपरी ग्रंथियों का बढ़ जाना , बढ़ी हुई ग्रंथियों में विक्षेप होना , थायराइड ग्रंथि का बढ़ जाना , थाइमस का बढ़ जाना , मीडियास्टिनम में अर्बुद या महाधमनी मेहराब के कारण दबाव पड़ने के कारण।
- श्वास प्रणाली की सूजन कई कारणों से होती है जैसे- श्वांस प्रणाली की ऊपरी ग्रंथियों का बढ़ जाना , बढ़ी हुई ग्रंथियों में विक्षेप होना , थायराइड ग्रंथि का बढ़ जाना , थाइमस का बढ़ जाना , मीडियास्टिनम में अर्बुद या महाधमनी मेहराब के कारण दबाव पड़ने के कारण।
- जिस प्रकार सेना के विभिन्न अंगों एवं दस्तों का प्रशिक्षण अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीके से होता है , इसी प्रकार उत्पादन के बाद कुछ लिम्फोसाइट्स का प्रारंभिक प्रशिक्षण , परिमार्जन एवं परिपक्वन तो अस्थिमज्जा में ही होता है एवं बाकी को थाइमस नामक ग्रंथि में भेज दिया जाता है।
- सहिष्णुता को , उपर्लिखित जांच की विधियों के केंद्रीय लसीकाभ अवयवों ( थाइमस और अस्थि मज्जा ) या परिधिक लसीकाभ अवयवों ( लसीका पर्व , प्लीहा आदि जहां स्व-प्रतिक्रियात्मक बी-कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है ) में कार्य करने या न करने के आधार पर ‘ केंद्रीय ' और ‘ परिधिक ' सहिष्णुताओं में विभाजित भी किया जा सकता है .
- फूलों की घाटी में ब्रह्मकमल , एकोनिटस एट्राक्स , रोडोड्रेडोन ( बुरांस ) , पौपी , रोजी , र्जीनिया , लिगुजेरिया , सेक्सीफेगा , ससूरिया ओवेलाटा , हेटरीफिल्लम , भूतकोशी , पेस्टोरिस , थाइमस लाइनियेरिस , एंजिलिका ग्लूका , जैसियाना कुरा , ओनेस्मा , इमोडी , रियम इमोडी , रियम यूरक्रोफिटटोनम , नाडरेल्टैकिस ग्रेंडिफोरम , पोलिगेनिटिम र्टिसिलेटम आदि समेत कई प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं।
- फूलों की घाटी में ब्रह्मकमल , एकोनिटस एट्राक्स , रोडोड्रेडोन ( बुरांस ) , पौपी , रोजी , र्जीनिया , लिगुजेरिया , सेक्सीफेगा , ससूरिया ओवेलाटा , हेटरीफिल्लम , भूतकोशी , पेस्टोरिस , थाइमस लाइनियेरिस , एंजिलिका ग्लूका , जैसियाना कुरा , ओनेस्मा , इमोडी , रियम इमोडी , रियम यूरक्रोफिटटोनम , नाडरेल्टैकिस ग्रेंडिफोरम , पोलिगेनिटिम र्टिसिलेटम आदि समेत कई प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं।
- जंतुओं के शरीर में पाई जानेवाली ग्रंथियों के नाम हैं : पीयूष ( Pituitary , या Hypophysio ) , पीनियल ( Pineal ) , अवटुग्रंथि ( Thyroid ) , पैराथाइरॉइड ( Parathyroid ) , थाइमस ( Thymus ) , पैक्रिअस या अग्न्याशय ( Pancreas ) , वृक्क ( Adrenal ) ; जननग्रंथि ( Gonads ) , नर में वृषण ( Testis ) तथा मादा में अंडाशय ( Ovary ) ।
- जंतुओं के शरीर में पाई जानेवाली ग्रंथियों के नाम हैं : पीयूष ( Pituitary , या Hypophysio ) , पीनियल ( Pineal ) , अवटुग्रंथि ( Thyroid ) , पैराथाइरॉइड ( Parathyroid ) , थाइमस ( Thymus ) , पैक्रिअस या अग्न्याशय ( Pancreas ) , वृक्क ( Adrenal ) ; जननग्रंथि ( Gonads ) , नर में वृषण ( Testis ) तथा मादा में अंडाशय ( Ovary ) ।
- ब्राउन सीकर्ड ने जो प्रयोग यकृत पर किए थे उनके आधार पर उसने यह मत प्रकाशित किया कि शरीर की अनेक ग्रंथियाँ , जैसे यकृत, प्लीहा, लसीका ग्रंथियाँ, पीयूषिका, थाइमस, अवटुका, अधिवृक्क, ये सब दो प्रकार से स्राव बनाती हैं,एक अत:स्राव, जो सीधा वहीं से शरीर में शोषित हो जाता है, और दूसरा बहिस्राव, जो ग्रंथि से एक नलिका द्वारा बाहर निकलता है तथा शरीर की आंतरिक दशाओं और क्रियाओं का नियंत्रण करता है।