दण्डक वन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- राम और आगे बढ़े और पथ में सुतीक्ष्ण , अगस्त्य आदि ऋषियों से भेंट करते हुये दण्डक वन में प्रवेश किया जहाँ पर उनकी मुलाकात जटायु से हुई।
- कुशलक्षेम पूछने तथा फल-फूलों से उनका सत्कार करने के पश्चात् वे बोले , “हे राम! मैंने दस वर्ष पूर्व तुम्हारे दण्डक वन में प्रवेश करने का समाचार सुना था।
- राम और आगे बढ़े और पथ में सुतीक्ष्ण , अगस्त्य आदि ऋषियों से भेंट करते हुये दण्डक वन में प्रवेश किया जहाँ पर उनकी मुलाकात जटायु से हुई।
- राम और आगे बढ़े और पथ में सुतीक्ष्ण , अगस्त्य आदि ऋषियों से भेंट करते हुये दण्डक वन में प्रवेश किया जहाँ पर उनकी मुलाकात जटायु से हुई।
- कुशलक्षेम पूछ कर तथा फल-फूलों से उनका सत्कार कर वे बोले , ” हे राम ! मैंने दस वर्ष पूर्व तुम्हारे दण्डक वन में आने का समाचार सुना था।
- वे दण्डक वन में अभी थोड़ी ही दूर गये थे कि एक पर्वताकार राक्षस हाथी के समान चिंघाड़ता हुआ बाघम्बर धारण किये सीता पर झपटा और उन्हें उठाकर कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया।
- हाँ , कभी-कभी स्मृति-लोप की स्थिति में चला जाने वाला दण्डक वन का यह साहित्य-ऋषि मूल प्रसंग से थोड़ी देर के लिये भटक भले ही जाता रहा हो किन्तु स्मृति लौटते ही आपके साथ समरस हो जाता था।
- बस्तर जानता है कि उसकी पहचान बनाये रखने के लिये दण्डक वन का ऋषि लाला जगदलपुरी 91 वर्ष की उम्र में भी अनवरत लिख रहा है इस लालच से दूर कि उसे बुकर , मैग्सेसे , ज्ञानपीठ या पद्मश्री मिलेगा।
- , "अरण्य-काण्ड के दशम् सर्ग मे जब राम दण्डक वन को राक्षसों से मुक्त करने का निर्णय करते हैं वह राम को सावधान करती हैं कि दूसरे के प्राणों की हिंसा लोग बिना बैर-विरोध के मोह वश करते हैं,वही दोष आपके सामने उपस्थित है ।
- “ , ” अरण्य-काण्ड के दशम् सर्ग मे जब राम दण्डक वन को राक्षसों से मुक्त करने का निर्णय करते हैं वह राम को सावधान करती हैं कि दूसरे के प्राणों की हिंसा लोग बिना बैर-विरोध के मोह वश करते हैं , वही दोष आपके सामने उपस्थित है ।