दामनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- दिल्ली में नाकाम ये शीला की सरकार , दिल्ली कि जनता में बिजली-पानी का मचा हाहाकार , यहाँ दामनी और गुड़िया का हो रहा पल पल बलात्कार , देखो ये खा जाते घोटाले कि कोयला-लोहा , और लेते नहीं ढकार , बात बात पे इसको सुप्रीम कोर्ट भी लगाती फटकार , दिल्ली में अबकी किसकी सरकार ? ॥
- मैं हिंदुस्तानी हूँ , कभी 2 G तो कभी कोयला खाते देखा भाजपा-कोंग्रेस को , देखी है लूटती अस्मत-आबरू , दामनी और गुड़िया कि , बस-बहुत-हुआ अब न देखेंगे , चुप न रहेंगे , मालूम उन्हें भी हो , केवल आँसुओं में बहता पानी नहीं , देश के रगों में बह रहा ज़वानी हूँ , मैं हिंदुस्तानी हूँ॥
- मैं हिंदुस्तानी हूँ , कभी 2 G तो कभी कोयला खाते देखा भाजपा-कोंग्रेस को , देखी है लूटती अस्मत-आबरू , दामनी और गुड़िया कि , बस-बहुत-हुआ अब न देखेंगे , चुप न रहेंगे , मालूम उन्हें भी हो , केवल आँसुओं में बहता पानी नहीं , देश के रगों में बह रहा ज़वानी हूँ , मैं हिंदुस्तानी हूँ॥
- हम पिछले सबक़ में पढ़ चुके हैं कि नबियों के आने का मक़सद लोगों की हिदायत व रहबरी है और यह बात भी अपनी जगह मुसल्लम है कि अगर ख़ुद रहबर और हादी गुनाहों में फंसे हों तो वह अपनी क़ौम की हिदायत नही कर सकते और उन्हे नेकी और पाक दामनी की तरफ़ दावत नही दे सकते।
- मनीष जी सुन्दर अक्षरों में इस सहानुभूति के लिए आप की कलम को कोटि कोटि नमन ! आज हर व्यक्ति मानवीय मानसिकता से पीड़ित दरिंदों से छुटकारा पाना चाहता है , मगर राजनैतिक लोगों इस अपराध प्रविर्ती के लोग बढ़ रहे है जब तक राजनैतिक समूह की सफाई नहीं होती न जाने कितनी ही दामनी यूँ इतिहास के पन्नो पर अंकित होती रहींगी
- यह भी जानने की इच्छा कभी नहीं पनपी मन मेँ अगर कोई इच्छा थी तो , बस यही कि इंसाफ हो तुम्हें इंसाफ मिले , भरपूर इंसाफ उस अन्याय के खिलाफ जिसके विरुद्ध तुम छेड़ कर गई हो एक शाश्वत युद्ध इस युद्ध को जिलाए रखना है हमें तुम्हारे जाने के बाद अलाव मे एक चिंगारी दबाये रखना है किसी दामनी , निर्भया या ज्योति के लिए !!
- वह एसपी साफ़ साफ़ बयान दे रहा है कि क्योंकि यह महिलाए सलवा जुडूम को रोकने के लिये पुलिस वालों पर ' झूठा ' आरोप लगा रही हैं इसलिये इनकी बात कैसे सुनी जाय ? यह बिल्कुल वैसा ही है कि जैसे दिल्ली में दामनी कांड में पुलिस यह कहे कि यह लड़की तो कम्युनिस्ट थी और यह कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिये झूठा आरोप लगा रही है .
- फूल से बिखर गये सितारे रात आ गयी , चंद्र कि दुल्हन के द्वार पर बरात आ गई नील गगन देख कर चंद्र किरण देख कर , याद जैसे मन को कोई भूली बात आ गई दीप दामनी न दो धूप चांदनी न दो , किन्तु याद् से भरी विभावरी न छीनना चाहे राग दो न दो मधु पराग दो न दो , आँखों से आंसुओ कि गागरी न छीनना .... /
- 19 . इंसान ( मनुष्य ) की जितनी हिम्मत हो उतनी ही उसकी कद्र व क़ीमत ( मान मर्यादा ) है , और जितनी मुरव्वत और जवां मर्दी होगी उतनी ही रास्त गोई ( सत्य कथन ) होगी , और जितनी हिमायत व खुद्दारी ( लाज एवं स्वाभिमान ) होगी उतनी ही शुजाअत ( वीरता ) होगी , और जितनी ग़ैरत ( लज्जा ) होगी उतनी ही पाक दामनी ( निर्दोषिता ) होगी।
- 22 व 23 दिसम्बर को विजय चैक से लेकर इंडिया गेट व जंतर मंतर पर पुलिस ने जिस दामनी को न्याय दो , बलात्कारियों को मौत की सजा दो रूपि जनांदोलन की कमर तोड़ने के लिए लाठियों , आंसू गैस व पानी के तेज धार के प्रहार तथा कानून का खुला दुरप्रयोग भी किया था , उस आंदोलन को पुलिसिया दमन को धत्ता बता कर जंतर मंतर पर दिन भर शांतिपूर्ण ढ़ग से धरना प्रदर्शन करके जींदा रखे हुए है।