दीनदयालु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ऐसे दयालु प्रभु का क्यों ना कोई चिंतन करेजो उन्हें मारने आता हैउसे भी परमगति जो देते हैंऐसे दीनदयालु प्रभु कहाँ मिलते हैं इतनी सी बात मानव ना समझ पाता है
- मिश्रबंधु , डॉ . श्यामसुंदरदास , आचार्य रामचंद्र शुक्ल , डॉ . दीनदयालु गुप्त , आचार्य क्षितिमोहन सेन आदि ने इस संबंध में जो तिथियाँ निर्धारित की हैं उनमें पर्याप्त अंतर है।
- मिश्रबंधु , डॉ . श्यामसुंदरदास , आचार्य रामचंद्र शुक्ल , डॉ . दीनदयालु गुप्त , आचार्य क्षितिमोहन सेन आदि ने इस संबंध में जो तिथियाँ निर्धारित की हैं उनमें पर्याप्त अंतर है।
- जिसका संसार से राग सर्वथा हट गया है - स्त्री , पुत्र, धन, इष्ट - मित्र आदि किसी का भी जिसको सहारा नहीं रह गया है - ऐसे सर्वथा निस्सहाय निराधार के आधार दीनबन्धु दीनदयालु जगदाधार परमात्मा है।
- में गो . कुशागिरि के देहांत के पश्चात्, मठ की संपत्ति के लिए शिष्यों में जब झगड़ा होने लगा प्रथम दीनदयालु जी ने उसे सुलझाने का प्रयत्न किया, किंतु असफल होने पर वे छोड़ कर रामेश्वर चले गए।
- जिसका संसार से राग सर्वथा हट गया है - स्त्री , पुत्र, धन, इष्ट - मित्र आदि किसी का भी जिसको सहारा नहीं रह गया है - ऐसे सर्वथा निस्सहाय निराधार के आधार दीनबन्धु दीनदयालु जगदाधार परमात्मा है।
- बुद्धिमती सतीजी ने मन में श्री रामचन्द्रजी का स्मरण किया और कहा- हे प्रभो ! यदि आप दीनदयालु कहलाते हैं और वेदों ने आपका यह यश गाया है कि आप दुःख को हरने वाले हैं , ॥ 3 ॥
- जिसका संसार से राग सर्वथा हट गया है - स्त्री , पुत्र , धन , इष्ट - मित्र आदि किसी का भी जिसको सहारा नहीं रह गया है - ऐसे सर्वथा निस्सहाय निराधार के आधार दीनबन्धु दीनदयालु जगदाधार परमात्मा है।
- भावार्थ : - मैं अवध के राजा श्री दशरथजी की वन्दना करता हूँ , जिनका श्री रामजी के चरणों में सच्चा प्रेम था , जिन्होंने दीनदयालु प्रभु के बिछुड़ते ही अपने प्यारे शरीर को मामूली तिनके की तरह त्याग दिया॥ 16 ॥
- मुझ दीनदयालु दया के सागर कृपालु पिता की निःसंदेह उत्तमता को प्राप्त हो चुकी संतान जब कोई नई अवस्था किसी जीव को दिलवानी होती है तो परिस्थितियाँ एक दम अपना स्वरुप बदल लेती हैं , पहले जो जैसा था वह वैसा न रहकर बदला बदला सा लगने लगता है या जो पहले था वैसा रहता ही नहीं!