दुर्जनता का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस संसार में सम्पन्न व्यक्तियों के शत्रु भी उनके साथ सज्जनता का ही व्यवहार करते है और दरिद्र व्यक्तियों के आत्मजन भी उनके प्रति दुर्जनता का ही व्यवहार करते है।
- एक तो अपनी सज्जनता की रक्षा के लिये युध्द में प्राणोत्सर्ग ( बलिदान ) के लिये तैयार हो जायें या दुर्जनता के सामने घुटने टेक कर , कायर बन कर पुन : वनवास को जायें।
- पाँच- सात दिन में ही उस को इतनी आत्मग्लानि हुई कि वह नेत्रों में आँसू भरकर स्वामी की के चरणों में गिर पडा़ और कहने लगा- ” भगवन् ! आपकी सुजनता ने मेरी दुर्जनता को जीत लिया।
- और इसकारण ही नैतिक पतन हो रहा है किन्तु फिर भी हमें ये नहीं भूलना चाहिए की अगर आज भी समाज टिका है तो इसकी वजह वह ग्लैमरस दुर्जनता नहीं बल्कि शांत और सामान्य सज्जनता ही है …
- समाज में व्याप्त उन प्राणियों से कैसे और कितने सुधार की उम्मीद की जा सकती है , जिनका स्वभाव ही दुर्जनता से भरा हो , जो अपनी आदत से मजबूर होकर समय-असमय अपनी वास्तविक छबि दिखाने से बाज नहीं आते हैं .
- हा दुखद ये है की सज्जनता दिख नहीं रही है यह दुर्जनता के आवरण में छुप गई है … जरुरत ये है की सज्जनता निडर भी बने तभी वह अनुकर्णीय हो सकेगी … … बहुत सुन्दर विषय उठाया है आपने … बढ़िया पोस्ट
- सज्जनता की ओर या दुर्जनता की ओर , कौरवों की ओर या पांडवों की ओर , न्याय की ओर या अन्याय की ओर , ईमानदारी की ओर या बेईमानी की ओर ? और यह निर्णय हमें जीवन में बार बार लेने होंगे .
- उसके साथ दुर्व्यवहार करके तुम दुर्व्यवहार कर्ता बन रहे हो , तुम दुर्जन की श्रेणी में शामिल हो रहे हो , तुम्हारा अविवेक ( -पूर्ण कृत्य ) सामने आरहा है , अविवेक और दुर्जनता की एक परम्परा प्रारम्भ हो रही है , यह मेरी चिंता का बिषय है .
- उनकी दृष्टि सदैव ऐसी बातों पर रहा करती थी जिनका कोई सदाचार सम्बन्धी परिणाम हो सकता हो , जिनसे मनोवेग और वृत्तियों का ज्ञान हो , जिनसे मनुष्य की सज्जनता या दुर्जनता का पता चलता हो , सदाचरण , पारस्परिक व्यवहार और नीति पालन उनके उपदेशों के विषय थे।
- कुछ अपने काल के सज्जन भी किसी तरह पेट पालने की कोशिश करते मिले , लेकिन ये वो सज्जन नहीं जो सब जान / कर सज्जन हो गए हैं बल्कि वो जिन्हें दुर्जनता का बोध ही नहीं या वो जिन्हें दुर्जनता के लिए आवश्यक प्रष्ठभूमि विरासत में न मिली हो .