द्यु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( यजुर्वेद पूर्व अध्याय १ २ ) औषधियो के गुण का सम्पूर्ण वर्णन तो यहाँ करना संभव नहीं है फिर भी लोक कल्याण के लिए संकेत मात्र करने का प्रयास वेदों के स्वाध्याय से कर रहा हूँ यथा - ' मातृ ' नमक औषधि से व्यक्ति द्यु , अंतरिक्ष और पृथ्वी सबकुछ देख सकता है ।
- गार्गी - ' हे ऋषिवर ! जो द्युलोक से ऊपर है और पृथ्वी लोक से नीचे है तथा ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' के मध्य भाग में स्थित है और जो स्वयं ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' है तथा जो स्वयं भूत , भविष्य और वर्तमान है , वह किसमें ओत-प्रोत है ? '
- गार्गी - ' हे ऋषिवर ! जो द्युलोक से ऊपर है और पृथ्वी लोक से नीचे है तथा ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' के मध्य भाग में स्थित है और जो स्वयं ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' है तथा जो स्वयं भूत , भविष्य और वर्तमान है , वह किसमें ओत-प्रोत है ? '
- गार्गी - ' हे ऋषिवर ! जो द्युलोक से ऊपर है और पृथ्वी लोक से नीचे है तथा ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' के मध्य भाग में स्थित है और जो स्वयं ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' है तथा जो स्वयं भूत , भविष्य और वर्तमान है , वह किसमें ओत-प्रोत है ? '
- गार्गी - ' हे ऋषिवर ! जो द्युलोक से ऊपर है और पृथ्वी लोक से नीचे है तथा ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' के मध्य भाग में स्थित है और जो स्वयं ' द्यु ' और ' पृथ्वी ' है तथा जो स्वयं भूत , भविष्य और वर्तमान है , वह किसमें ओत-प्रोत है ? '