धनाश्री का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ६ ) यह राग पूरिया और धनाश्री रागों का मिश्रण है , मगर कई विद्वान इसे स्वतंत्र राग मानते हैं , क्यों कि प्रचलित धनाश्री राग काफ़ी थाट से उत्पन्न होता है।
- ६ ) यह राग पूरिया और धनाश्री रागों का मिश्रण है , मगर कई विद्वान इसे स्वतंत्र राग मानते हैं , क्यों कि प्रचलित धनाश्री राग काफ़ी थाट से उत्पन्न होता है।
- मयूर वीणा-वादक पं . श्रीकुमार मिश्र , मिलन देवनाथ , विकास तेलंग , ध्रुवपद गायक गुंडेचा बंधु , विदुषी कमला श्रीवास्तव , विदुषी धनाश्री घैसस आदि कई संगीतकार हैं जो इस दिशा में मेरा मार्गदर्शन करते हैं।
- इस थाट के अन्तर्गत आने वाले कुछ प्रमुख राग हैं- ‘ पूरिया ' , ‘ धनाश्री ' , ‘ जैतश्री ' , ‘ परज ' , ‘ श्री ' , ‘ गौरी ' , ‘ वसन्त ' आदि।
- अख्तरी बाई फैजा बादी ( बेगम अख्तर ) की ठुमरी ‘ ' मैंने लाखों के बोल सहे सितमगर तेरे लिए ‘ ' और बड़े उस्ताद साब के जिगरी दोस्त उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की शहनाई के राग पूरिया धनाश्री ने समा बाँध दिया .
- मालकौंस , पूरिया धनाश्री, मारू विहाग, वृंदावनी सारंग, मुल्तानी, गौड़ मल्हार, मियां की मल्हार, तोड़ी, शंकरा, आसावरी, यमन, भैरवी और कल्याण के कई प्रकार उनके प्रिय रागों में से थे और इनमें शुद्ध कल्याण और मियां की मल्हार को वे जिस ढंग से गाते थे, वह अतुलनीय था।
- रागों के गायन समय पर यदि हम ध्यान दे तो वात के समय यदि सुबह 3 से 7 बजे तक गाये बजाये जाने वाले रागों में सुबह देशकार , हिंडोल , ललित तथा सायं काल में मुल्ताानी , पुरिया धनाश्री , मारवा , श्री इत्यादि राग गाये बजाये जाते है।
- मालकौंस , पूरिया धनाश्री , मारू विहाग , वृंदावनी सारंग , मुल्तानी , गौड़ मल्हार , मियां की मल्हार , तोड़ी , शंकरा , आसावरी , यमन , भैरवी और कल्याण के कई प्रकार उनके प्रिय रागों में से थे और इनमें शुद्ध कल्याण और मियां की मल्हार को वे जिस ढंग से गाते थे , वह अतुलनीय था।