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धर्म भीरु का अर्थ

धर्म भीरु अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. हमारे भारत की जनता धर्म भीरु जनता है और अक्सर जो धर्म से चुनाव आदि लड़ना जानते है और उन्हें यह पता होता है की भारत में उनकी साख कहाँ तक है वह लोग भी इसी प्रकार की अफवाह को फैला सकते है .
  2. मसला किसी और के पक्ष में बात कहने या ना कहने का नहीं है मैं केवल धर्म भीरु मित्रों से अपना और अपनी तार्किकता का सम्मान बचाये रखने का यत्न कर रहा हूं ! बात घुमा कर कहने का तो प्रश्न ही नहीं है !
  3. काफी दिनों से यहाँ पर भूत प्रेतों के किस्से नही आ रहे थे अब पण्डित जी आप आ गये है तो इन किस्सों से कुछ पाठकों का जरूर मनोरंजन होगा और हाँ धर्म भीरु जनता और अंधविश्वासी जनता को भूत का डर दिखा कर हमेशा की तरह अच्छी वसूली की जा सकती है जवाब दें
  4. रूढ़िवादी व परम्परागत धर्म भीरु देश में जहाँ यहाँ के पूजनीय ग्रन्थ कभी यह कहते हैं कि ‘ क्षुद्र , ढ़ोल , पशु , नारी , ये सब ताङन के अधिकारी ' : तो वहीँ नारी को माल के रूप में जुएं पर लगाते हुये उसे भोग्या वस्तु के रूप में दर्शाया गया है .
  5. लेकिन धर्म भीरु नानी को करवा -चौथ का व्रत करने को मना नहीं कर पाए , वो उस दिन सुबह ही नानी को कहते कि आज तो तुम मेरे साथ ही खाना खाओगीऔर नानी का जवाब हमेशा की तरह एक ही होता , आज मेरा पेट खराब है और आज मैंने कुछ भी नहीं खाना , तो वो कहते की हर साल इस व्रत के दिन ही तुम्हारा पेट क्यूँ खराब होता है और हंस कर चल देते ............ हाँ ........
  6. ठण्ड के मौसम में यह पता नहीं होता है की कितनी ठण्ड है और कितना ठंडा पानी है लेकिन लोग नहाने की अपनी धुन के अन्दर नर्मदा में घुस जाते है और ठन्डे पानी में नहाते ही शरीर से निकलने वाली भाप से आच्छादित होकर जय जय के नारे लगते हुए ठण्ड को कम करने की कोशिश करते है कई धर्म भीरु लोग किनारे पर आग का अलाव भी लगा देते है कई धार्मिक लोग भोजन और खिचडी बांटने का कार्य भी करते है .
  7. बेहतरीन प्रस्तुति ! धर्म भीरु समाज में उल्लुओं की ही चांदी है .लक्ष्मी का वाहन भी तो उलूक ही है .ये तांत्रिक हम ही पूज रहें हैं .पक्षी उलूक पकड़ में आ जातें हैं ये उलूक तो नेताओं से भी सम्मान पा रहें हैं .उलूक भाई चारा है भाई साहब .उलूक उलूक भाई भाई .एक मेनका बेचारी क्या करें .यहाँ तो आलम ही यह है -हर शाख पे उल्लू बैठा है ,अंजामे गुलिस्तान क्या होगा ,बर्बाद चमन के करने को एक ही उल्लू कॉफ़ी था .इनमें इन अंध विश्वाशी लोगों में पढ़े लिखे सब धान सत्ताईस सेरी हैं .
  8. बेहतरीन प्रस्तुति ! धर्म भीरु समाज में उल्लुओं की ही चांदी है .लक्ष्मी का वाहन भी तो उलूक ही है .ये तांत्रिक हम ही पूज रहें हैं .पक्षी उलूक पकड़ में आ जातें हैं ये उलूक तो नेताओं से भी सम्मान पा रहें हैं .उलूक भाई चारा है भाई साहब .उलूक उलूक भाई भाई .एक मेनका बेचारी क्या करें .यहाँ तो आलम ही यह है -हर शाख पे उल्लू बैठा है ,अंजामे गुलिस्तान क्या होगा ,बर्बाद चमन के करने को एक ही उल्लू कॉफ़ी था .इनमें इन अंध विश्वाशी लोगों में पढ़े लिखे सब धान सत्ताईस सेरी हैं .
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